पाकिस्तान के लाहौर उच्च न्यायालय के तीन न्यायाधीशों को बुधवार को धमकी भरे पत्र मिले। इन पत्रों के भीतर संदिग्ध पाउडर भी मिला है। पत्र प्राप्त करने वाले न्यायाधीशों में न्यायमूर्ति शुजात अली खान, न्यायमूर्ति शाहिद बिलाल हसन और न्यायमूर्ति आलिया नीलम शामिल हैं। अदालत के रजिस्ट्रार कार्यालय ने इसकी पुष्टि की है।
इससे पहले मंगलवार को इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के भी आठ न्यायाधीशों को संदिग्ध पाउडर के साथ धमकी भरे पत्र मिले थे। न्यायाधीशों ने इसकी शिकायत सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) काजी फैज ईसा से की थी।
लाहौर पुलिस और आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) के वरिष्ठ अधिकारी लाहौर उच्च न्यायालय पहुंचे और पत्रों को अपने कब्जे में लिया और जांच शुरू की। घटना के बाद लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।
पुलिस ने पत्र पहुंचाने वाली कूरियर कंपनी के कर्मचारी को भी हिरासत में लिया और पूछताछ के लिए उसे अज्ञात स्थान पर ले गई। पंजाब पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, सफेद पाउडर एंथ्रेक्स हो सकता है। पाउडर को जांच के लिए प्रयोगशाला में भेजा गया है, ताकि पता चल सके कि यह एंथ्रेक्स है या नहीं।
सर्वोच्च न्यायालय ने न्यायाधीशों को धमकी भरे पत्र मिलने के मामले का संज्ञान लिया है। सीजेपी ईसा की अध्यक्षता में सात सदस्यीय पीठ का गठन किया गया है। यह पीठ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के आठ न्यायाधीशों के मामले में सुनवाई करेगी। इन न्यायाधीशों ने आईएसआई सहित खुफिया एजेंसियों पर न्यायिक मामलों में दखल देने का आरोप लगाया है।
इस्लामाबद उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों का यह भी आरोप है कि उनके शयनकक्षों (बेडरूम) की जासूसी की गई और खुफिया एजेंसियों के कर्मियों ने मनचाहा फैसला पाने के लिए उनके रिश्तेदारों का अपहरण किया और उन्हें प्रताड़ित किया।
इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने दोनों उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों को सफेद पाउडर सहित मिले धमकी भरे पत्रों की गहन जांच की मांग की है। पीटीआई के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रथम दृष्टया जहरीले पदार्थों वाले पत्रों का इरादा न्यायाधीशों को डराना है।