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Thursday, May 2, 2024

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अमरीकी पत्रिका ने बताया कि ईरानी नौसेना की शक्ति कितनी है ? युद्ध हुआ तो कितना नुक़सान पहुंचाएगी अमरीका को ?

रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी

अमरीकी पत्रिका नेशनल इंट्रेस्ट ने तेहरान वाशिंग्टन के मध्य फार्स की खाड़ी में  बढ़ते तनाव की ओर संकेत करते हुए लिखा है कि ईरानी नौसना, अमरीकी सैनिकों बल्कि अमरीका के विमान वाहक युद्धपोतों के लिए यथावत खतरा बनी हुई है।

विदेश – नेशनल इंट्रेस्ट  में सेबास्टिएन रॉबलीन ने अपने एक आलेख में लिखा है कि ईरान की तोपों से लैसे स्पीड बोट्स कोई मज़ाक़ नहीं है।  16 मई सन 2019 में अमरीकी अधिकारियों ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि ईरान ने अपनी स्पीट बोट्स पर मिसाइल लगा लिए हैं और इसकी वजह, मध्य पूर्व में व्यापक स्तर पर अमरीकी सैनिकों की उपस्थिति है।

ईरान की सैन्य शक्ति का अध्ययन करने वालों के लिए शायद यह हैरत की बात हो क्योंकि समुद्री युद्ध के लिए  क्षेत्र में बेशुमार स्पीटबोट्स की तैनाती ईरान की वह रणनीति है जिसे ईरान ने कभी छुपाने की कोशिश भी नहीं की है।  

उदाहरण स्वरूप उस वीडियो क्लिप को पेश किया जा सकता है जिसमें ईरान की कई तोपधारी स्पीडबोट्स, फार्स की खाड़ी में अमरीकी विमान वाहक युद्धपोत के माडल पर फायर करती हुए नज़र आती हैं। यही नहीं ईरान ने युद्धपोतों को भेदने वाले बैलेस्टिक मिसाइल भी तैयार रखे हैं जिन्हें वह जहाज़ों के खिलाफ इस्तेमाल कर सकता है।  

अमरीकी नौसेना ने तो ईरान की स्पीडबोट्स के हमले का सामना करने के लिए विशेष प्रकारक  युद्धपोत भी डिज़ाइन किये। फार्स की खाड़ी में चलने वाले हर जहाज़ को यहां तक कि विशालकाय विमानवाहक युद्धपोतों को भी ईरान से खतरा है क्योंकि उन्हें हुरमुज़ स्ट्रेट के कम गहरे पानी से गुज़रना होगा। ईरान के पास दो दो नौसेनाएं हैं जो स्वंय एक विचित्र बात है। ईरान की नौसेना के पास तेज़गति से चलने वाले युद्धपोत, स्पीडबोट्स और मिसाइल फायर करने वाली बोट्स हैं इसके अलावा उसके पास बीस से अधिक पनडुब्बियां हैं जो हुरमुज़ स्ट्रेट, ओमान सागर और हिन्द महासागर में आती जाती रहती हैं। सेना के पास ग़दीर मॉडल की 22 पनडुब्बियां हैं जो फार्स की खाड़ी की चट्टानों वाले और कम गहरे पानियों में ईरान की हमले की ताक़त को बढ़ा देती हैं।

आईआरजीसी के पास अपनी नौसेना है जिसके पास 1500 से अधिक स्पीडबोट्स हैं जो फार्स की खाड़ी के तटवर्ती और कम गहरे पानी में तेज़ी से हमला करने के लिए बनायी गयी हैं। इसके अलावा आईआरजीसी के पास सैंकडों स्पीडबोट्स हैं जो मिसाइल फायर करने की क्षमता रखती हैं।

इन सब के साथ ही ईरान हैरान कर देने वाली क्षमताओं के साथ असाधारण स्पीडबोट्स  बना रहा है जिसका एक उदाहरण सेराज-1 स्पीडबोट्स के रूप में देखा जा सकता है। दूसरी स्पीडबोट्स ” जुल्फेक़ार” है जो नस्र-1 क्रूज़ मिसाइल से लैस है। इन सब से ज़्यादा हैरतअंगेज़ ईरान की वह स्पीड बोट्स हैं जो पानी के अंदर चलती हैं और उन्हें पकड़ना बहुत मुश्किल है। यह स्पीडबोट्स जासूसी और गुप्तरूप से सैनिकों की आवाजाही के लिए प्रयोग होती हैं। आईआरजीसी के लिहाज़ से अमरीका के अत्याधुनिक युद्धपोतो जो अपनी मिसाइलों के साथ युद्ध के लिए तैयार हैं, ” डेथ स्टार” हैं और उसकी तोपधारी स्पीड बोट्स और उसके जान न्योछावर करने वाले सिपाही दुश्मनों पर धावा बोलने के लिए तैयार हैं। अब जहां तक  यह सवाल है कि यह तोपधारी स्पीडबोट्स फार्स की खाड़ी के तटवर्ती क्षेत्रों पर नियंत्रण बनाए रखेंगी और आधुनिक युद्धपोतों के सामने प्रभावशाली साबित होंगी तो अभी इसे आज़माया नहीं गया है और आशा रखनी चाहिए कि आज़माना की ज़रूरत कभी न पड़े। 

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