भारत के केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस एक भी प्रोविजन बताए जिससे नागरिकता जाएगी।
दिल्ली – एबीपी न्यूज़ से बात करते हुए उनका कहना था कि एनआरसी और सीएए को जोड़ना गुमराह करना है। उन्होंने दावा किया कि देश में एनपीआर और जनगणना हर 10 साल के बाद होती है और इस बार भी यह 10 साल बाद हो रही है। कांग्रेस ने बार-बार यह किया है और आज कांग्रेस हमसे सवाल पूछ रही है।
सीएए के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन के दौरान कुछ जगहों पर हुई हिंसा पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस की सरकारें जहां पर हैं, वहां पर हिंसा क्यों नहीं हुई। इससे जनता समझ रही है कि हिंसा कौन करा रहा है।
ज्ञात रहे कि अमित शाह का यह दावा ऐसी हालत में सामने आया है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने वालों के विरुद्ध सख़्ती से निपटने के निर्देश दिए थे जिसके बाद लखनऊ, मुज़्ज़फ़रनगर, मेरठ सहित प्रदेश के अधिकतर क्षेत्रों में प्रदर्शन हिंसक हो गये और पुलिस ने जमकर लाठियां बरसाईं और गोलियां चलाई जिसमें कम से कम 30 लोग हताहत और सैकड़ों घायल हुए।
एनपीआर और जनगणना पर उनका कहना था कि इसमें लोगों से कोई भी दस्तावेज़ नहीं मांगा जाएगा। बस जानकारी नोट की जाएगी। नाम, जन्म स्थान आदि जैसे कई सवाल पूछे जाएंगे जो कि पहले भी पूछे जाते रहे हैं।
उन्होंने महाराष्ट्र चुनाव के परिणामों की ओर संकेत करते हुए कहा कि परिणाम हमारे विरुद्ध नहीं आए थे, बल्कि हमारे पक्ष में आए थे। उन्होंने कहा कि सरकार गठन की प्रकिया के परिणाम हमारे पक्ष में नहीं थे।
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बारे में अमित शाह ने दावा किया कि भाजपा वहां दो तिहाई बहुमत से सरकार बनाने जा रही है। उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता तृणमूल कांग्रेस के शासन से परेशान हो चुकी है।
बिहार विधानसभा चुनाव पर शाह ने कहा कि हम नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। बिहार में मुख्यमंत्री उम्मीदवार का चेहरा नीतीश कुमार ही होंगे।
अयोध्या मुद्दे की ओर संकेत करते हुए अमित शाह ने कहा कि राम मंदिर ट्रस्ट की घोषणा 9 फ़रवरी से पहले कर दी जएगी। यह ट्रस्ट तय करेगा कि राम मंदिर कैसा होगा।
साभार पी.टी.