इन्टरनेश्नल प्रेस इन्सट्यूट का कहना है कि पत्रकारों की मौतों में ज़बरदस्त कमी के बावजूद 2019 में अंतर्राष्ट्रीय पत्रकार स्वतंत्रता के संकट में वृद्धि हुई।
देश-विदेश – आईपीआई ने कहा है कि 2019 में सरकारें क़ानूनी तौर पर भयभीत करने, ग़लत इरादों और स्वतंत्र मीडिया और पत्रकारों को ख़ामोश करने के लिए उन पर दबाव डालने के लिए आन लाइन हमलों में वृद्धि की ओर गयीं।
वियना में मौजूद आईपीआई की ओर से जारी वर्ष पत्रिकारिता की स्वतंत्रता की अंतर्राष्ट्रीय कवरेज में पत्रकारों को धमकाने, भयभीत करने और जेल भेजने के लिए नये और मौजूदा क़ानूनों के दुरुपयोग में वृद्धि देखने में आई।
इसके साथ ही पत्रकारित को कमज़ोर करने और स्वतंत्र पत्रकारों की साख ख़राब करने के लिए बयानबाज़ी का प्रयोग बढ़ता हुआ देखा गया।
साभार पी.टी.