रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी
ईरान के मुकाबले में संयम का परिचय देना चाहिये : अमेरिकी सेना प्रमुख
मार्क मिल्ली ने कहा कि गेंद ईरान के पाले में है। तेहरान की प्रतिक्रिया अमेरिकी प्रतिक्रिया को निर्धारित करेगी।
विदेश – अमेरिका की सशस्त्र सेना के प्रमुख मार्क मिल्ली ने कहा है कि ईरान के मुकाबले में संयम का परिचय देना चाहिये। अमेरिकी कांग्रेस में भाषण देते हुए उन्होंने कहा कि ईरान के साथ हम तनाव के दौर में हैं और इस स्थिति में संयम से काम लेना अच्छा व उचित जवाब है।
जब रिपब्लिकन पार्टी के एक सांसद डोन बेकन ने उनसे पूछा कि जब हम संयम का परिचय देंगे तो ईरान हमारे संयम को कमज़ोरी समझेगा? तो इस प्रश्न के उत्तर में मार्क मिल्ली ने कहा कि गेंद ईरान के पाले में है। तेहरान की प्रतिक्रिया अमेरिकी प्रतिक्रिया को निर्धारित करेगी।
उस समय वहां अमेरिकी रक्षामंत्री मार्क एस्पर भी मौजूद थे उन्होंने कहा कि अमेरिका क्षेत्र में और अधिक अमेरिकी सैनिकों की तैनाती की समीक्षा कर रहा है और क्षेत्र में इन सैनिकों की तैनाती ईरानी चुनौतियों का जवाब है।
ज्ञात रहे कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड आरंभ में ईरान को अधिक धमकियां देते थे परंतु जब ईरान ने कुछ महीने पहले अमेरिका के आधुनिकतम ड्रोन ग्लोबल हाक को मार गिराया तब से ईरान के संबंध में उनके स्वर बदल गये हैं। जब ईरान ने अमेरिकी ड्रोन को मार गिराया तो आरंभ में उन्होंने ईरान को धमकी दी परंतु कुछ ही समय बाद वह अपनी धमकी से पीछे हट गये। जब ईरान ने अमेरिका के आधुनिकतम ड्रोन को मार गिराया तो ट्रंप ने ट्वीट किया कि ईरान ने बहुत बड़ी ग़लती की है परंतु बाद में ट्रंप ने कहा कि वह समझते हैं कि ग़लती से अमेरिकी ड्रोन को लक्ष्य बनाया गया।
रोचक बात यह है कि ईरान ने उस विमान को लक्ष्य नहीं बनाया जिसमें सैनिक सवार थे और ईरान के इस कार्य की वजह से ट्रंप ने तेहरान के प्रति आभार प्रकट किया और कहा कि ईरान उस सैनिक विमान को लक्ष्य बना सकता था जिसमें 35 सैनिक सवार थे परंतु उसने एसा नहीं किया।
जानकार हल्कों का मानना है कि अमेरिकी अधिकारियों को ईरान की सैनिक शक्ति का बहुत अच्छी तरह अंदाज़ा है और इसी कारण वे ईरान पर हमले का साहस नहीं कर रहे हैं क्योंकि वे बहुत अच्छी तरह जानते हैं कि अगर उन्होंने ईरान पर हमला किया तो उन्हें ईरान के करारे का सामना होगा और ईरानी अधिकारियों ने बारमबार बल देकर कहा है कि अगर अमेरिका ने ईरान के खिलाफ युद्ध आरंभ किया तो समाप्त करना उसके नियंत्रण में नहीं होगा और दुश्मन को एसा जवाब दिया जायेगा जिससे वह पछताने पर बाध्य हो जायेगा।
इसी प्रकार जानकार हल्कों का मानना है कि ईरान की सैन्य शक्ति ही शत्रुओं के हमले की दिशा में सबसे बड़ी रुकावट है और वे बहुत अच्छी तरह जानते हैं कि ईरान, इराक या अफ़गानिस्तान नहीं है और ईरान के संबंध में कोई ग़लती की तो उसका अंजाम क्या होगा।