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Monday, May 27, 2024

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आखिरकार हो गए अंकिता भंडारी के परिजन तैयार, अब होगा बिटिया का अंतिम संस्कार

अंकिता भंडारी के परिजन आखिरकार अंतिम संस्कार को तैयार हो गए हैं। बिटिया का अब पैतृक घाट एनआईटी में अंतिम संस्कार किया जाएगा। रविवार शाम को पुलिस बल और प्रदर्शनकारियों की भारी भीड़ की मौजूदगी में अंकिता के शव को मोर्चरी से बाहर निकाला गया। एंबुलेंस से अंकिता के शव को पैतृक घाट ले जाया गया। भारी संख्या में ग्रामीण भी एंबुलेंस के साथ घाट की ओर चले।

अंकिता भंडारी हत्याकांड मामले को लेकर रविवार को श्रीनगर में लोगों का गुस्सा फूट पड़ा था। सुबह से ही मोर्चरी में डटे आक्रोशित लोगों को जब प्रशासन की ओर से पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक न करने व परिजनों के लिए मुआवजा व नौकरी की ठोस व्यवस्था करने को लेकर कोई आश्वासन नहीं मिला तो लोगों ने प्रात: 11 बजे मोर्चरी के बाहर बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया।

आक्रोशित लोगों ने कहा कि जब तक उन्हें इस संदर्भ में लिखित आश्वासन नहीं मिल जाता है तब तक वह जाम खोलने वाले नहीं हैं। जाम के दौरान लोग हत्यारों को फांसी देने व उत्तराखंड सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाते रहे। मौके पर एसडीएम श्रीनगर अजयवीर सिंह, एएसपी शेखर सुयाल व डीएम डा.विजयकुमार जोगदंडे ने बारी-बारी से लोगों को समझाने का प्रयास किया। लेकिन लोग अपनी मांग पर अड़े रहे।

करीब चार दौर की वार्ता होने के बावजूद शाम चार बजे तक कोई समाधान नहीं निकल पाया। दोपहर बाद लोगों का यहां पर बड़ी संख्या में जमावड़ा लगने लग गया। जिसमें महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में भागीदारी की। गढ़वाल विवि के विभिन्न छात्र संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बिना कुछ खाए-पीये दिन भर धरना प्रदर्शन किया।

अंकिता के पिता ने की थी जाम खोलने की अपील
अंकिता हत्याकांड से गुस्साए लोगों के आक्रेाश को देखते हुए प्रशासन द्वारा अंकिता के पिता को रोड जाम कर बैठे लोगों के समक्ष लाया गया। इस दौरान अंकिता के पिता वीरेंद्र सिह भंडारी ने कहा कि वह पुलिस की जांच से संतुष्ट हैं। लेकिन वह चाहते हैं कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट सार्वजनिक हो तभी जाकर अंकिता के शव का अंतिम संस्कार किया जाए। इस दौरान उन्होंने लोगों से जाम खोलने की अपील भी की।

कहा इससे आने-जाने वाले लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा होगा। साथ ही यदि जाम में कोई गंभीर बीमार आदमी फंसा होगा तो उसके जीवन का भी सवाल है। इस पर लोगों ने अति आवश्यक सेवाओं जैसे एंबुलेंस व बीमार लोगों केा ले जाने वाले वाहनों को जाम से मुक्त रखने की बात कहते हुए जाम खोलने की अपील को ठुकरा दिया।

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