इंदौर शहर में यातायात व्यवस्था चरमरा गई है पिक अवर में तो यातायात भगवान भरोसे ही चलता है
इसके मुख्य कारण अगर देखे तो बल की कमी जरूर है परंतु जो बल शहर में यातायात संचालन हेतु उपलब्ध है वे चलानी कारवाही में ही व्यस्त रहते है उनकी भी ये मजबूरी है कि उनको टारगेट पूरे करना होते है ये टारगेट पूरा करने का खेल यातायात का भट्टा तो बिठा ही देता है ऊपर से विभाग की बदनामी का कारण भी बन जाता है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को चाहिए कि वे अपने मातहतों को इस टारगेट के कुचक्र से निजात दे कर उन्हें सिर्फ यातायात संचालन में लगाये संचालन के दौरान त्रुटि पाने पर ही चलानी कारवाही करे तो विभाग बदनामी से भी बचेगा और यातायात संचालन में सुधार होगा।
ये सब वरिष्ठ अधिकारी यो की प्रबल इच्छा शक्ति पर ही निर्भर करता है स्वार्थ से ऊपर उठ कर निर्णय लेना शहर के यातायात के लिए बेहद जरूर हो गया है। आशा है इन दो शब्दों का कुछ असर होगा ।
– एक इन्दौरी