31 C
Mumbai
Wednesday, May 8, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

आपकी अभिव्यक्ति – नकलविहीन बोर्ड परीक्षाओं का दावा, माइक विहीन सीसी कैमरे और शिक्षा माफियाओं की तिगड़ी पर विशेष —– भोलानाथ मिश्र

परीक्षा दक्षता का प्रमाण देती है और इसी प्रमाण के सहारे व्यक्ति की दक्षता की पहचान होती है।दक्षता प्रमाण पत्र ही डिग्री है जिसेे हासिल करने के लिए परीक्षा दी जाती है।बिना दक्षता यानी ज्ञान प्राप्त किये इधर उधर से जुगाड़ लगाकर परीक्षा पास करके डिग्री लेने से कोई मतलब नहीं होता है।डिग्री की योग्यता परिलक्षित होना आवश्यक है इसीलिए परीक्षा में घालमेल नहीं चल पाती है। परीक्षा में घालमेल का मतलब अपने आपसे और अपने देश के भविष्य से खिलवाड़ एंव धोखाधड़ी करने जैसा है। इधर हमारे यहाँ की चाहे बोर्ड परीक्षाएँ हो चाहे विश्वविद्यालय की परीक्षाएँ हो एक मजाक बन गयी हैं और डिग्री के आगे दक्षता का कोई महत्व नहीं रह गया है। बिना स्कूल गये, बिना पढ़ें लिखे घर बैठे डिग्री हासिल करने का जैसे रिवाज खुल गया है।बिना स्कूल आये परीक्षा पास कराने के बदले सौदेबाज़ी करके एक अच्छी खासी रकम ली जाती है। कुछ कालेज और महाविद्यालय इस मामले में कुख्यात रह चुके हैं। परीक्षा पास कराने के साथ ही टापर बनने के लिए योग्यता का नहीं बल्कि पैसे का महत्व हो गया है।माफियाओं की लाइन में शिक्षा माफिया भी शामिल हो गये हैं जो परीक्षा की सुचिता को प्रभावित कर रहे हैं। परीक्षा में घालमेल या नकल शिक्षकों विभागीय अधिकारियों और राजनेताओं की तिगड़ी करवाती है।अधिकांश राजनेताओं के अपने कालेज और महाविद्यालय हैं जो अपने आगे किसी को कुछ नहीं समझते हैं और पिछले वर्षों मारपीट हाथापाई भी परीक्षा के दौरान हो चुकी है।कल्याण सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में सख्ती के चलते नकल पर लगाम लगी थी और नकल करने और कराने वालों को गिरफ्तार करके जेल भेजा गया था।उस समय भी सरकार की सख्ती के बावजूद अगर नकल नहीं हुयी होती तो पकड़े कैसे जाते और जेल क्यों भेजे जाते? इस बार भी परीक्षाओं को नकलविहीन पारदर्शी बनाने के प्रयास सरकार कर रही है और उपमुख्यमंत्री दावा भी कर चुके हैं कि इस बार बोर्ड परीक्षाएं पूरी तरह से नकलविहीन हो रही हैं और कोई घालमेल नहीं हो रहा है।अगर सब कुछ ठीक है तो फिर तमाम गड़बड़ियों का पर्दाफाश कैसे हो रहा है।कहावत है कि अपराधी की सोच पुलिस से हमेशां दो हाथ आगे रहती है अगर आगे नहीं होती तो प्रश्न पत्र लीक नहीं होते और जौनपुर में लिखी कापियों का बंडल सड़क पर नही मिलती। यह सही है कि इस बार परीक्षाओं में सख्ती हो रही है और सीसीसी कैमरों ने अभूतपूर्व भूमिका निभाई है लेकिन शिक्षा माफियाओं अधिकारियों और राजनेताओं की तिगड़ी ने इससे बचाव भी तलाश लिया है अगर ऐसा नहीं होता तो नकलची नही पकड़े जाते।अभी दो दिन पहले भी एक राजनेता से जुड़े विद्यालय में परीक्षा के दौरान सरकार की पारदर्शिता तार तार हो चुकी है। शिक्षा विभाग ने जो कैमरे परीक्षा केन्द्रों, परीक्षा कक्षों एवं कार्यालयों में लगवाये हैं उनमें माइक नही लगें हैं जिससे आवाज की रिकार्डिंग नहीं होती है।इसके अलावा यह सीसी कैमरे जहाँ पर लगते हैं वहाँ से कम से कम तीन चार फिट तक की गतिविधियों के फोटो नही रिकार्ड हो पाते हैं।इस तीन चार फुट की जगह में खड़ा होगा वह इन कैमरों की जद में नही आयेगा और इसी तकनीकी कमी का फायदा कुछ लोग उठा रहें हैं। चूंकि आवाज रिकॉर्ड होती नहीं है इसलिये यहाँ बोलकर लिखाया जा सकता है।सरकार की इतनी सख्ती के बावजूद नकल होना चिंता की बात है।

– वरिष्ठ पत्रकार/समाजसेवी

Latest news

ना ही पक्ष ना ही विपक्ष, जनता के सवाल सबके समक्ष

spot_img
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Translate »