रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी
इस्राईली एयरफ़ोर्स के कमांडर ईतान बिन एलीयाहू ने एक बयान देकर सऊदी अरब की तेल कंपनी आरामको पर हुए ड्रोन और मिसाइल हमलों का मुद्दा फिर से गर्मा दिया है।
विदेश – एलीयाहू का कहना है कि सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों पर हमला ईरान ने किया और ईरान ने अपने इस हमले से साबित कर दिया कि इस्लामी गणतंत्र ईरान की ताक़त किन ऊंचाइयों पर पहुंच चुकी है।
हेब्रू भाषा के अख़बार यदीऊत अहारोनोत में अपने लेख में ईतान ने लिखा कि सऊदी अरब के तेल प्रतिष्ठानों पर बेहद पेशावराना और सटीक अंदाज़ से किया जाने वाला हमला दरअस्ल तेल अबीब के लिए एक संदेश भी है कि ईरान कई साल तक संयम बरतने के बाद अब इस स्थिति में है कि इस्राईल के किसी भी हमले का बड़ा विनाशकारी जवाब देगा। बिल्कुल वैसा ही जैसा सऊदी अरब की आरामको तेल कंपनी पर हुए हमलों में नज़र आया।
ज्ञात रहे कि आरामको हमले की ज़िम्मेदारी यमन के अंसारुल्लाह आंदोलन ने ली है जिन्हें ईरान सामरिक परामर्श के स्तर पर सहयोग दे रहा है।
बिन एलीयाहू का कहना है कि मध्यपूर्व में इस समय जो कुछ हो रहा है वह किसी भूकंप से कम नहीं है, अब इस्राईल के लिए ज़रूरी हो गया है कि अपनी रणनीतियों पर पुनरविचार कर ले क्योंकि ईरान तथा उसके घटक संगठनों की तकनीकी शक्ति इतनी बढ़ गई है कि वह जब चाहे शक्ति का संतुलन बदल दे। इसका मतलब यह है कि इस्राईली जनरल ने यह माना है कि ईरान के नेतृत्व में काम करने वाले व्यापक इस्लामी प्रतिरोधक मोर्चे की ताक़त इस्राईल की राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर ख़तरे में पहुंचा चुकी है ख़ासकर इसलिए भी कि अमरीका मध्यपूर्व से जान छुड़ाकर भाग रहा है जिसका सीधा विनाशकारी असर इस्राईल की राष्ट्रीय सुरक्षा, टैकटिक और स्ट्रैटेजी दोनों पर पड़ रहा है।
दूसरी ओर इस्राईल की मशहूर वेबसाइट WALLA के सामरिक मामलों के विशेषज्ञ एमिर बोहबूत ने अपने लेख में लिखा कि मध्यपूर्व में गहरे बदलाव का क्रम तेज़ी से आगे बढ़ रहा है इस बात की पूरी संभावना मौजूद है कि अमरीका अन्य इलाक़ों से भी अपने सैनिकों को बाहर निकाल कर इस्राईल को हैरान कर दे। जो कुछ हो रहा है वह इस्राईली इंटैलीजेन्स और सुरक्षा एजेंसियों के लिए अच्छी ख़बर नहीं है। ईरान और यमनी हूती सऊदी अरब की आरामको कंपनी पर हमला करते हैं, अमरीका उत्तरी सीरिया से अपने सैनिक बाहर निकाल लेता है, इराक़ और सीरिया के बीच अलबू कमाल-अलक़ायम सीमावर्ती मार्ग खुल जाता है। इस तरह ईरान के लिए ज़मीनी रास्ता खुल गया है जिससे वह ज़रूरत के मिसाइल तथा अन्य हथियार ज़मीनी रास्ते से हिज़्बुल्लाह तक पहुंचा सकता है, तुर्की कुर्दों पर हमले कर रहा है यह सब कुछ इस बात की निशानी है कि पूरे इलाक़े में बहुत बड़ा बदलाव आ रहा है और मध्यपूर्व में शक्ति का संतुलन भी तेज़ी से बदलने जा रहा है। यानी अब इस्राईल सीधे तौर पर ईरान, सीरिया, हिज़्बुल्लाह और हमास के निशाने पर आ चुका है।
WALLA के अनुसार इस्राईली सेना बड़े ध्यान से मध्यपूर्व के परिवर्तनों को देख रही है और उसकी नज़र ईरान की गतिविधियों पर केन्द्रित है साथ ही वाशिंग्टन से भी लगातार संपर्क बना हुआ है कि इलाक़े में तनाव को कम किया जा सके। अब इस्राईली सेना के लिए अपने दुशमनों के ख़िलाफ़ कोई भी कार्यवाही अंजाम दे पाना बड़ा ख़तरनाक हो गया है।
टीकाकार बूहबूत का कहना है कि तेल अबीब में अधिकारियों को बड़ी गंभीर चिंता इस बात की है कि अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प अचानक सीरिया के तनफ़ मरुस्थलीय इलाक़े से भी अमरीकी सेना को बाहर निकालने का बयान न जारी कर दें क्योंकि अमरीकी सैनिकों की तैनाती का फ़ायदा उठाकर इस्राईली सेना अपने जासूसी विमानों की मदद से सूचनाएं एकत्रित करती है।
तेल अबीब में अधिकारियों को यक़ीन हो गया है कि आने वाले वर्षों में हालात इस्राईल के लिए कदापि अच्छे नहीं होंगे। इस्राईल के लिए सबसे बड़ा ख़तरा यह है कि उसके ख़िलाफ़ क्रूज़ मिसाइलों से सटीक हमले हो सकते हैं। चूंकि सऊदी अरब में आरामको पर हुए हमले में अमरीकी मिसाइल ढाल व्यवस्था नाकाम हो गई अतः अभी से स्पष्ट है कि इस्राईल की रक्षा के लिए तैनात किए गए मिसाइल ढाल सिस्टम इस्राईल को बचा नहीं पाएंगे।