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Monday, May 20, 2024

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आसमान के बाद अब समुद्र में भी ईरान ने दी अमरीका को चुनौती, सहंद स्टील्थ डेस्ट्रोयर से उड़े दुश्मन के होश

रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी

ईरान ने रक्षा क्षेत्र में नई तकनीक के इस्तेमाल से हथियारों का निर्माण करके न सिर्फ़ अपने दुश्मनों बल्कि पूरी दुनिया को हैरान कर दिया है।

ईरान की नौसेना ने हाल ही में स्वदेश निर्मित रडार की पकड़ में न आने वाले विध्वंसक जहाज़ (स्टील्थ डेस्ट्रोयर) सहंद को अपने बेड़े में शामिल किया है।

रॉयटर्ज़ का कहना है कि फ़ार्स खाड़ी में स्ट्रेट ऑफ़ होरमुज़ के मुहाने पर इस युद्धपोत की तैनाती अमरीका के लिए एक नई चुनौती है।

ईरान के इस डेस्ट्रोयर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसके डैक पर हेलीकॉप्टर उतर सकते हैं और उड़ सकते हैं, इसके अलावा टारपीडो लांचर, एंटी-एयरक्राफ्ट और एंटी-शिप गन, सतह से सतह और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों को फ़ायर किया जा सकता है।

ईरान ने जो पहले ही हर क्षेत्र में अमरीका समेत अपने दुश्मनों के लिए बड़ी चुनौती पेश कर रहा है, इस स्टील्थ डेस्ट्रोयर को नौसेना में शामिल करके समुद्र में अमरीकी नौसेना के लिए अधिक कठिनाईयां उत्पन्न कर दी हैं। अक्तूबर में ही ईरानी नौसेना ने सतह से समुद्र में मार करने वाले बैलिस्टिक मिसाइलों की रेंज बढ़ाकर 700 किलोमीटर करने की घोषणा की थी, जो किसी भी जहाज़ या पोत को ध्वस्त कर सकते हैं।

सहंद युद्धपोत की एक अन्य विशेषता यह है कि इसका हेलीपैड दूसरे अन्य पोतों से काफ़ी बड़ा है और इस पर बड़े और भारी लड़ाकू हेलीकॉप्टर उतर सकते हैं।

ईरान का नया युद्धपोत बिना किसी दूसरे पोत की सहायता लिए समुद्र में 4 हज़ार मील का सफ़र तय कर सकता है और ज़रूरत पड़ने पर तेज़ी से अन्य जहाज़ों से अपनी ज़रूरतों की आपूर्ति कर सकता है।

सहंद के अगले भाग पर 76 मिलीमीटर की फ़ज्र तोप लगी हुई है, जो एंटी-शिप मिसाइलों को नष्ट करने की क्षमता रखती है। यह तोप एक मिनट में 120 गोले फ़ायर करती है। इसके निचले हिस्से पर लगी तोप एक मिनट में 300 गोले फ़ायर करती है।

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