रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी
बाद, सीरियाई राष्ट्रपति बशार असद को चेतावनी दी थी कि सीरियाई जनता हमारे लिए रेड लाइन है।
विदेश – ईरान के पूर्व उप विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान ने एक बड़ा रहस्योद्घाटन करते हुए कहा, वरिष्ठ नेता आयतुल्लाहिल उज़मा सैय्यद अली ख़ामेनई ने आईआरजीसी की क़ुद्स ब्रिगेड के कमांडर जनरल क़ासिम सुलेमानी को सीरियाई राष्ट्रपति असद के नाम एक संदेश लेकर भेजा।
इस संदेश में वरिष्ठ नेता ने बशार असद को चेतावनी दी थी कि सीरियाई जनता की सुरक्षा हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है, अगर किसी भी तरह से आम लोगों को निशाना बनाया गया तो इसे हम सहन नहीं करेंगे।
अमीर अब्दुल्लाहियान का कहना है कि वरिष्ठ नेता की नज़र केवल रणनीतिक मामलों और क्षेत्र पर नहीं थी, बल्कि उन्हें सीरियाई जनता की सुरक्षा की अधिक चिंता थी। 2011 में जब सीरिया में संकट की शुरूआत हुई, तो वरिष्ठ नेता ने जनरल सुलेमानी के ज़रिए बशार असद को सबसे पहला संदेश यह भेजा कि जाओ और सीरियाई राष्ट्रपति असद से कहो कि जनता हमारे लिए रेड लाइन है। अगर सीरियाई सरकार आम लोगों के जनसंहार की अवहेलना करेगी, तो उसे हमारे समर्थन की आशा नहीं रखनी चाहिए।
पूर्व विदेश मंत्री का कहना था कि रणनीतिक दृष्टि से सीरिया का मुद्दा हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन वरिष्ठ नेता की नज़र आम लोगों की सुरक्षा पर थी और वे किसी भी तरह से आम लोगों की सुरक्षा को नज़र अंदाज़ करने के हक़ में नहीं थे।
ग़ौरतलब है कि इस्राईल की वर्चस्ववादी नीतियों के मुक़ाबले में सीरिया, इस्लामी प्रतिरोध के अग्रिम मोर्चे पर स्थित है, इसीलिए सीरिया का रणनीतिक और भू-राजनीतिक दृष्टि से काफ़ी महत्व है।
यही कारण है कि इस्राईल और उसके समर्थक इस्लामी प्रतिरोध को कमज़ोर करने के लिए सीरियाई सरकार का पतन करना चाहते थे, जिसके लिए इस देश में सशस्त्र विद्रोह के लिए दाइश जैसे ख़ूंख़ार आतंकवादी गुटों को लड़ाई में उतारा गया। लेकिन हिज़्बुल्लाह और ईरान ने असद सरकार का भरपूर समर्थन किया, जिसके कारण इस्राईल, अमरीका, यूरोपीय देशों और उनके सहयोगी अरब देशों को सीरिया में हार का मुंह देखना पड़ा।