रिपोर्ट – सज्जाद अली नयाने
लोकसभा चुनाव के ख़त्म होने के बाद ईवीएम मशीनों से भरे वाहनों और उन्हें बदलने का मुद्दा तूल पकड़ता जा रहा है।
देश – चुनाव के नतीजे आने से पहले ईवीएम और वीवीपैट हेराफेरी के मुद्दे पर कांग्रेस, सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस सहित 22 प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने मंगलवार को बैठक की इस समस्या के बारे में चर्चा की।
बैठक के बाद विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने चुनाव आयोग को ज्ञापन देकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, काउंटिंग में सबसे पहले वोटर वैरिफ़ाइड पेपर ट्रेल (वीवीपैट) स्लिप का मिलान करने की मांग की है।
कांग्रेस नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने चुनाव आयोग को ज्ञापन देने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि हमारी दो मोटी मांगे थीं। एक तो हर लोकसभा क्षेत्र में पांच रैंडम पोलिंग बूथ चुनकर उन पर ईवीएम मशीनों के साथ साथ वीवीपैट स्लिपों को भी गिना जाना चाहिए अगर किसी एक बूथ के वीवीपैट में कोई भी ग़लती निकल आए तो उस लोक सभा क्षेत्र की पूरी काउंटिंग दोबारा की जानी चाहिए।
वहीं कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने चुनाव आयोग पर सवाल उठाते हुए कहा कि विपक्षी दल इस तरह के मुद्दे पिछले डेढ़ महीने से उठा रहे हैं, लेकिन चुनाव आयोग ने उनकी आपत्तियों को नज़रअंदाज़ किया है।
बसपा नेता सतीश चंद्र मिश्रा ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर ईवीएम से जुड़ी गड़बड़ियां हुई हैं। ईवीएम की सुरक्षा के लिए हम केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग करते हैं। वहीं, टीडीपी नेता चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि हमने चुनाव आयोग से जनादेश के सम्मान करने को कहा है। इसमें हेरफेर नहीं की जानी चाहिए।
इससे पहले विपक्षी दलों ने मतगणना के दौरान किसी भी मतदान केंद्र में गड़बड़ी पाए जाने की स्थिति में देश भर में सभी विधानसभा क्षेत्रों में ईवीएम के आंकड़ों के साथ वीवीपैट मशीन की पर्ची से मिलान किये जाने की मांग की थी।
इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने मतगणना के दौरान पूरे देश में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र के पांच मतदान केंद्रों के ईवीएम आंकड़ों का मिलान वीवीपैट की पर्ची से करने के लिए निर्वाचन आयोग को कहा था, जिससे चुनाव परिणाम आने में देर हो सकती है।