अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच शुरू हुए सैन्य अभ्यास से उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग घबराया हुआ है। अभ्यास शुरू होने के एक दिन बाद ही उत्तर कोरिया ने मंगलवार को दो छोटी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया। इससे पहले सोमवार को भी उत्तर कोरिया ने पनडुब्बी से दो रणनीतिक क्रूज मिसाइलों का परीक्षण किया था।
दक्षिण कोरिया ने परीक्षण को उकसावे वाला बताया
दक्षिण कोरिया के ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ ने एक बयान में कहा कि दक्षिण-पश्चिमी तटीय शहर जांगयोन से प्रक्षेपित की गई मिसाइलों ने देश के पूर्वी तट के पास समुद्र में गिरने से पहले उत्तर कोरिया के से ऊंची उड़ान भरी थी। बयान में कहा कि दोनों मिसाइलों ने लगभग 620 किलोमीटर (385 मील) की दूरी तय की। रिपोर्ट की गई उड़ान दूरी से पता चलता है कि मिसाइलों परीक्षण दक्षिण कोरिया को निशाना बनाने को लेकर हैं। जिसमें लगभग 28,000 अमेरिकी सैनिक हैं। दक्षिण कोरिया की सेना ने लॉन्च को एक गंभीर उकसावे वाला बताया है और कहा यह कोरियाई प्रायद्वीप पर स्थिरता को कमजोर करता है।
सैन्य अभ्यास को रोकने के लिए यूएन से की मांग
अमेरिका और दक्षिण कोरिया के बीच 13 से 23 मार्च तक होने वाले सैन्य अभ्यास से उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग इस तरह घबराया हुआ है कि उसने इसे रोकने के लिए यूएन का सहारा लिया और किम जोंग की सरकार ने इस मसले पर संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएन) से इस सैन्य अभ्यास को रोकने के लिए मांग करनी शुरू कर दी है। रविवार को उत्तर कोरिया के मीडिया में उप विदेश मंत्री किम सोन ग्योंग ने इसको लेकर बयान जारी किया। उन्होंने कहा कि अभ्यास और सहयोगियों की बयानबाजी ने उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनाव को “बेहद खतरनाक स्तर” पर धकेल दिया है। इसलिए इसपर तुरंत रोक लगनी चाहिए।
परीक्षण से कोई खतरा नहीं
यूएस इंडो-पैसिफिक कमांड ने कहा कि मंगलवार के परीक्षण से उसके सहयोगियों को तत्काल खतरा नहीं है। लेकिन उत्तर कोरिया के हालिया परीक्षण उसके गैरकानूनी हथियार कार्यक्रमों के अस्थिर करने वाले प्रभाव को उजागर करते हैं और कहा कि दक्षिण कोरिया और जापान के लिए अमेरिकी सुरक्षा जारी रहेगी। जापानी प्रधान मंत्री फुमियो किशिदा ने संवाददाताओं से कहा कि अधिकारी अभी भी उत्तर कोरियाई प्रक्षेपणों का विवरण एकत्र कर रहे हैं और जापानी जल में नुकसान की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं मिली है।