इतिहास के सबसे खराब आर्थिक संकट का सामना कर रहा श्रीलंका आईएमएफ के बेलआउट पैकेज की दूसरी किश्त के इंतजार में है। इस बीच, द्वीपीय देश के राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने साल 2024 के बजट को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि ऋणदाताओं का विश्वास जीतना 2024 के लिए आने वाले बजट का फोकस होगा। बता दें कि राष्ट्रपति विक्रमसिंघे जोकि देश के वित्त मंत्री भी हैं, 13 नवंबर को संसद में बजट पेश करेंगे।
निर्यात पुरस्कार 2023 के कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विक्रमसिंघे ने कहा कि हमें द्विपक्षीय और निजी बाहरी ऋणदाताओं दोनों का विश्वास जीतना होगा। यह भरोसा ही आर्थिक सुधार हासिल करने की कुंजी होगी। उन्होंने आगे कहा कि हमें अगले साल ऋण और ब्याज के रूप में 2.5 अरब रुपये का भुगतान करना होगा। इसके लिए हमने ऋणों के पुनर्भुगतान के लिए बजट से एक बड़ा हिस्सा अलग रखा है।
उन्होंने कहा कि ऋणदाताओं का भरोसा जीतने के लिए हमें अपना राजस्व बढ़ाना होगा। पिछले सोमवार को वैट दर बहुत अनिच्छा से बढ़ाई गई थी। बता दें कि जनवरी 2024 से वैट 15 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि बेहतर भविष्य के लिए कठिन निर्णय लेने होंगे। बीते साल हमें शून्य से 7 प्रतिशत की वृद्धि का सामना करना पड़ा था। इस साल हम इसे प्लस 0.05 प्रतिशत तक बढ़ाने में सक्षम हैं।
बता दें कि श्रीलंका इस समय नकदी की भारी कमी से जूझ रहा है। द्वीप राष्ट्र पर वर्तमान में कुल 46.9 अरब अमेरिकी डॉलर का विदेशी कर्ज है। इन ऋण में से सबसे ज्यादा 52 प्रतिशत चीन का है। इस संकट से बाहर निकलने में भारत ने श्रीलंका को लगभग चार अरब अमेरिकी डॉलर की मदद दी थी। अब श्रीलंका अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) बेलआउट पैकेज की दूसरी किश्त के जारी होने का इंतजार कर रहा है।