रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी
सिटीजन फ़ॉर जस्टिस एंड पीस की शिकायत के बाद नेशनल ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी ने सुप्रीम कोर्ट के अयोध्या फैसले से पहले अपने कवरेज के दौरान सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी और भड़काऊ सामग्री प्रसारित करने के लिए समाचार चैनल आज तक को फटकार लगाई है।
देश – चैनल पर रोहित सरदाना के एक शो में स्वामी करपात्री नाम के एक पैनलिस्ट ने कहा था कि 18 नवम्बर राम जन्मभूमि के निर्माण की शुरुआत हो जाएगी, निर्णय निस्संदेह हमारे पक्ष में होगा।
यह एनबीएसए द्वारा जारी विशेष एडवाइज़री का उल्लंघन था जिसमें अयोध्या मामले के संबंध में बहस करते हुए समाचार चैनलों को दिशानिर्देश जारी किए गए थे।
एनबीएसए ने अब “आज तक” को यूट्यूब से विवादास्पद कार्यक्रम को हटाने और सात दिनों के भीतर अनुपालन रिपोर्ट देने का निर्देश दिया है। एनबीएस ने यह भी कहा कि प्रसारणकर्ता चैनल पर प्रसारित किसी भी कार्यक्रम की सामग्री के संबंध में प्रसारण मानकों और दिशानिर्देशों के उल्लंघन के लिए ज़िम्मेदार होंगे।
एनबीएसए की कार्यवाही से संतुष्ट होकर सीजेपी की सचिव तीस्ता सीतलवाड़ ने कहा कि यह सीजेपी के ‘हेट हटाओ’ अभियान का हिस्सा है। टीआरपी रेटिंग्स के सहारे चलने वाले टेलीविजन चैनल अक्सर संवैधानिक रेखा को भूल जाते हैं।
ज्ञात रहे कि “आजतक” ने अयोध्या मामले की अंतिम सुनवाई से एक दिन पहले 15 अक्टूबर को एक भड़काऊ ट्वीट भी पोस्ट किया था, जिसमें लिखा था कि ‘जन्मभूमि हमारी, राम हमारे, मस्जिद वाले कहां से पधारे?