मुम्बई – अब कंगना के भीतर अभिनेत्री से सायद नेत्री बनने की चाहत सी जगती सी दिख रहीं है, आज कल वो जो रूख अख्तियार किये हुये दिख रही हैं, तो उसे देखकर सायद ऐसा मानना गलत तो नहीं होगा, क्योंकि जब से उन्हे Y+ सुरक्षा मिली है तब से उनका मनोबल सातवें आसमान पर है, मानो अब उन्हे ऐसा एहसास हो चला है कि अब उनके हाँत मौका अच्छा लग चुका है जो उन्हे एक दिग्गज नेता में तब्दील कर सकता है, क्योंकि वो इण्डस्ट्री से सुशांत मामले में नेपोटिज्म और ड्रग्स को लेकर बगावत का बिगुल पहले ही फूंक चुकीं हैं, इतना ही नहीं महाराष्ट्र सरकार और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के रार (तनातनी) भी बुलंद है, और जिस तरह से टीम कंगना के ट्वीट ट्वीटर पर जारी हैं वो तो ऐसा ही दर्शाते हैं और ये तो भविष्य के गर्त में छुपा है कि “अंजाम ‘ए’ गुलिस्तां क्या ? होगा”, जो टीम आज सातवें आसमान की सैर करा रही है वो कल उसकी जमीन बरक़रार रहने भी देगी या ‘यूज एन थ्रो’ वाली नीति अपनायेगी, इसका विष्लेशण स्वत: कंगना को ही करना होगा।
रहा सवाल ‘बच्चन फैमिली’ का तो इतना तो उनके बच्चों के रवैये को देखकर दावे के साथ अवश्य कहा जा सकता है कि वो अपने माता पिता के मान-सम्मन को लेकर कितने संवेदंशील हैं या रहे कि उन्हे ना तो कम उम्र में या पूरी उम्र एक महान व्यक्तित्व बनने की कोई चाहत रखी न रही ना वैसा बनने के लिये अपने माता पिता को मजाक का पात्र बनाया, चाहे वो ‘अभिषेक’ ही क्यों न हों, रही बात उनकी बेटी ‘स्वेता’ की तो न तो नेपोटिज्म के बदौलत या उसके बदौलत जिस प्रकार से आप आज एक महान सख्शियत हो जिस व्यक्तित्व की वजह से आप Y+ श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त बॉलीवुड की पहली हस्ती बन गयी हो, इतनी बडी सुरक्षा तो कभी उनके माता पिता को भी सायद नहीं मिली जो एक मिलेनियम स्टार हैं इतना ही नहीं उन्हे पद्मश्री और पद्म भूषण और दादासाहब फाल्के अवॉर्ड से नवाजा गया, लेकिन आप आखिर आप ही हो आप की मिसाल कोई कहाँँ ? लेकिन आपके द्वारा जो वक्तव्य ट्वीटर के माध्यम सेे उनकी उस बेटी पर दिया जाना या तुलना करना कहाँ तक जायज़ है इस पर गम्भीरता सेे विचार अवश्य करेें जिसका इण्डस्ट्री से दूर-दूर तक वास्ता नहीं है !
इतने वर्षों में उन्हे जो भी मिला फिलहाल कम तो नहीं है, भले ही बोल्ड हीरोईनों की श्रंखला में ही सही लेकिन पहचान तो मिली ही है।