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कहां का इंसाफ़ है? मानवाधिकारों के हननकर्ताओं को सशस्त्र करना: इलहान उमर

कहां का इंसाफ़ है? मानवाधिकारों के हननकर्ताओं को सशस्त्र करना: इलहान उमर

Ilhan Omar

अमरीकी सांसद इलहान उमर ने कहा है कि यमन में सऊदी गठबंन की ओर से लगातार हमलों की हालत में रेयाज़ को हथियार बेचना अपराध है।

अमरीकी प्रतिनिधि सभा की सदस्य इलहान उमर ने सऊदी अरब को करोड़ों डाॅलर के हथियार बेचने का विरोध किया है।

इस अमरीकी सांसद का कहना है कि ऐसे समय में कि जब सऊदी अरब के हाथों यमनी मारे जा रहे हैं, रेयाज़ को हथियारों की बिक्री किसी भी स्थिति में स्वीकार्य नहीं है।

उन्होंने कहा कि अगर हम अपनी नीतियों में वास्तव में मानवाधिकारों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हैं तो ऐसे में मानवाधिकारों के हननकर्ताओं को सशस्त्र करना कहां का इंसाफ़ है।  इलहान  उमर ने अमरीका द्वारा सऊदी अरब को 650 मिलयन डाॅलर के मिसाइल और सैन्य उपकरण बेचने को अस्वीकार्य बताया।

अमरीकी सांसद इलहान उमर के इस बयान से पहले इस बारे में यमन की राष्ट्रीय उच्च परिषद के सदस्य मुहम्मद अली अलहूसी कह चुके हैं कि अमरीकी राष्ट्रपति ने सऊदी अरब को मिसाइल बेचने के समझौते को स्वीकृति देकर एक प्रकार से यमन की जनता के विरुद्ध सऊदी अत्याचारों को जारी रखने की खुली अनुमति दी है।

अलहूसी ने कहा कि इससे पता चलता है कि बाइडेन प्रशासन यमन युद्ध को रुकवाने में बिल्कुल भी गंभीर नहीं है।  उन्होंने कहा कि हथियारों की सप्लाई का फैसला, यमन की जनता को आगे भी भूखा रखने और उनपर अत्याचार करने को हरी झंडी दिखाने जैसा है।

उल्लेखनीय है कि अमरीका ने हाल ही में सऊदी अरब को 650 मिलयन डाॅलर के हथियार बेचने का फैसला किया है।  अमरीका का यह दावा है कि वह सऊदी अरब को यह हथियार इसलिए बेच रहा है ताकि इस देश के बाहर से उसपर होने वाले हमलों में रेयाज़ को सुरक्षित रखा जा सके।

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