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Thursday, May 2, 2024

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कहीं तालेबान न बन जाएं हम…. भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति का छलका दर्द !!!

रिपोर्ट – सज्जाद अली नयाने

भोपाल से भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा ठाकुर द्वारा नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताने के बाद भारत में मचा सियासी घमासान शांत होने का नाम नहीं ले रहा है।

देश – प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, प्रज्ञा ठाकुर के विवादित बयान पर जहां एक ओर  भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने नाराज़गी जताई है वहीं दूसरी ओर  कांग्रेस सहित पूरा विपक्ष हमलावर है। कांग्रेस ने तो सोशल मीडिया प्रोफाइल में बापू की फोटो लगाकर भी भाजपा को घेरने की कोशिश की है। इस बीच भारत के प्रसिद्ध उद्यमी महिंद्रा समूह की प्रमुख कंपनी ‘महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड’ के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आनंद महिंद्रा ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को देशभक्त बताए जाने की कड़े शब्दों में आलोचना की है।

भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति आनंद महिंद्रा ने ट्वीट किया है कि, ‘75 साल से भारत महात्मा की भूमि रहा है। वह एक मशाल की तरह हैं। दुनिया ने जब अपनी नैतिकता गंवा दी, हमें ग़रीबी में धकेल दिया गया, लेकिन तब भी हम अमीर थे क्योंकि हमारे पास बापू थे। उन्होंने दुनिया भर में अरबों लोगों को प्रेरित किया। इसी तरह आनंद महिंद्रा ने आतंकवाद की आरोपी प्रज्ञा का नाम लिए बिना या उनके बयान का संदर्भ दिए बिना कहा कि कुछ चीज़ों को हमेशा पवित्र रहने देना चाहिए वरना हम, प्रेरित करने वाली या भरोसा देने वाली मूर्तियों को तबाह करते हुए एक दिन तालेबान बन जाएंगे।’ इस ट्वीट को कुछ ही घंटे में 6000 से ज़्यादा बार रीट्वीट किया गया। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने भी इसे रीट्वीट किया।

इस बीच कर्नाटक से बीजेपी सांसद नलिन कटील ने 1984 के सिख दंगों का उल्लेख करते हुए ट्वीट किया, ‘नाथूराम गोडसे ने तो एक व्यक्ति को ही मारा, लेकिन भूतपूर्व भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने तो 17 हज़ार लोगों को मारा।’ हालांकि विवाद बढ़ने पर उन्होंने अपना ट्वीट ड्लीट कर दिया। इसी तरह मोदी के मंत्री अनंत कुमार हेगड़े ने अपने ट्विटर अकाउंट से हुई पोस्ट ‘नाथूराम को खुशी होती…’ के लिए कहा है कि यह उन्होंने नहीं लिखा था। पोस्ट पर कड़ी आलोचना के बाद हेगड़े ने कहा- मेरा ट्विटर अकाउंट पिछले एक हफ्ते में दो बार हैक हुआ और टाइमलाइन पर कुछ ट्वीट पोस्ट किए गए। मैंने उन्हें डिलीट कर दिया है। गांधीजी की हत्या को न्यायोचित ठहराने का प्रश्न ही नहीं उठता। हम सभी गांधीजी के देश को योगदान का पूरा सम्मान करते हैं।’हेगड़े के ट्वीटर एकाउंट से हुई पोस्ट में लिखा था कि, ‘मुझ़े ख़ुशी है कि सात दशक बाद आज की पीढ़ी एक बदली हुई सोच और वातावरण में बहस कर रही है। उन्हें सुने जाने का अवसर मिल रहा है जिनकी निंदा की गई। नाथूराम गोडसे को इस बहस से अंतत: ख़ुशी होती।’

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