जबसे तालिबान ने अफ़ग़ानिस्तान पर दोबारा क़ब्ज़ा किया है तब से भारत में तालिबान शब्द का बहुत ज़्यादा इस्तेमाल हो रहा है. पहले भाजपा ने तालिबान, तालिबानी सोच, तालिबानी मानसिकता, हिंदुस्तानी तालिबानी जैसे शब्दों का प्रयोग अपने विरोधियों के लिए शुरू किया, मगर करनाल में किसानों का सिर फोड़ने वाली घटना के बाद अब इस शब्द का प्रयोग भाजपा सरकार को घेरने के लिए विपक्ष कर रहा है. करनाल की घटना को कभी भाजपा की सहयोगी रही शिवसेना ने तालिबानी मानसिकता करार दिया।
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शिवसेना सांसद और पार्टी प्रवक्ता संजय राउत ने कहा, ‘किसानों पर हमला देश के लिए शर्मनाक घटना है. यह एक तरह की तालिबानी मानसिकता है. गाजीपुर बॉर्डर, हरियाणा बॉर्डर पर किसान दो साल से प्रदर्शन कर रहे हैं. वे अपने अधिकार के लिए लड़ रहे हैं. ‘
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SDM ने किसानों का सिर तोड़ने के आदेश दिए और सरकार किसानों के मुद्दे पर गंभीर नहीं है. आखिरकार यह सरकार कैसे कह सकती है कि यह गरीबों किसानों के लिए है? यह किसानों के मन की बात नहीं सुन रही. ‘
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