-रवि जी. निगम
सवाल – यदि समय रहते रवि जी. निगम द्वारा प्रेषित सुझाव को लागू कर दिया गया होता तो क्या प्रवासी मजदूर और अपने घरों से दूर फंसे लोगों को समय रहते उन्हे उनके घरों तक पहुंचा न दिया गया होता ? तो सायद इतनी भयावह स्थिति नहीं बनती ? जिस तरह सुझाव का हिस्सा ‘मनरेगा’ को तत्काल प्रभाव से लागू किया गया था तो उसका लाभ भी सरकार को ही मिला तो क्या इसे भी समय रहते लागू किया गया होता तो क्या इसका लाभ सरकार को नहीं मिलता ? देर से लागू करना सरकार की बडी भूल नहीं ? जब उस पत्र में साफ-साफ उल्लेख किया गया था कि यदि सरकार के पास इससे भी अच्छा कोई दूसरा उपाय हो तो उसे ही लागू किया जाये, ताकि लोगों को बचाया जा सके देश के एक भी नागरिक की मौंत दुखद है! जिसे नंबर वन मीडिया के साथ भी शेयर किया गया, लेकिन हुज़ूर के साथ उसने भी नाम का उजागर नहीं किया गया तकि इसका श्रेय रवि निगम को न मिल जाये ? कोरोना काल में एक ऑटो ड्राइवर को कुछ लोगों की जान बचाने के लिये राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित किया गया, तो क्या रवि निगम को प्रशस्ति-पत्र प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा ही दे दिया जाता तो क्या ये उसके लायक भी नहीं थे, इसका मतलब ये कतई नहीं कि हम उक्त व्यक्ति को सम्मानित करने के खिलाफ हैं।
उसके बावजूद दूसरा सुझाव सरकार को प्रेषित किया गया है ये हमारा देश के प्रति समर्पण भाव को नहीं दर्शाता है ? उसे भी लागू नहीं किया गया वो सायद मात्र इस लिये कि हम सरकार के पक्ष में खडे नहीं दिखते ? या आलोचना करते हैं ? मैं सरकार से आज भी आग्रह करते हैं कि जल्द उसे लागू करें जो देशहित और जनहित में होगा ? आकडों के खेल से सायद ये खत्म नहीं होने वाला ? ये आकडों का ही खेल है जब हम देश के 1 लाख से ज्यादा नागरिकों खो चुके हैं। महोदय अभी भी वक्त है प्रेषित सुझाव पर जल्द गौर करें ताकि हालात को और भी भयावह होने से रोका जा सके ये आप भी जानते हैं कि स्थिति क्या है हम रोजाना 1 हजार से ज्यादा लोगों को खो रहे हैं कि नहीं ? आज हमने बडी-बडी को भी खो रहे हैं क्या ये आज के हालातों को बयां नहीं करता ? लेकिन क्या किसी मीडिया चैनल पर इसकी बहस होगी ? तो सायद नहीं क्योंकि ये हुज़ूर के खिलाफ होगा, जनता मरती है तो मरती रहे, मगर देश भक्त मीडिया हूज़ूर के खिलाफ कुछ भी नहीं दिखायेगा, विज्ञापन का मामला है न ?
नई दिल्ली : भारत में कोरोना से मरने वालों की संख्या 1 लाख से ज़्यादा हो गई है। देश में पिछले 24 घंटे में ही कोरोना से 1069 लोगों की मौत हुई जबकि 79,476 नए मामले सामने आए हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार देश में अब कुल संक्रमितों की संख्या 64,73,545 हो गई है जबकि कुल 1,00,842 लोगों की मौत कोरोना से हो चुकी है।
एक्टिव मरीज़ 9,44,996
स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार सुबह जारी अपडेट के अनुसार देश में अभी 9,44,996 एक्टिव मरीज हैं जबकि 54,27,707 लोग अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके हैं। इस बीच इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के अनुसार देश में अब तक कोरोना के लिए 7,78,50,403 सैंपल की जांच की जा चुकी है। ये आंकड़े 2 अक्टूबर तक तक के हैं। इसमें दो अक्टूबर को ही 11,32,675 सैंपल की जांच की गई।