चीन में कोरोना महामारी की नई लहर तबाही मचा रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड संक्रमण के कारण होने वाली मौतों में तेजी से वृद्धि हुई है। देश में रोजाना 9,000 लोगों की मौत हो रही है। ब्रिटेन के शोध फर्म एयरफिनिटी (Airfinity) के हवाले से बताया गया कि संक्रमण बढ़ने के कारण चीन में कोविड से मरने वालों की संख्या को दोगुनी हो गई है। चीनी सरकार के नवंबर में जीरो-कोविड नीति में ढील देने के बाद से स्थिति और भयावह हो गई है। गौरतलब है कि चीनी सरकार को नौ शहरों में बड़े स्तर पर विरोध के बाद कोविड नीति पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
रिपोर्ट के मुताबिक, एयरफिनिटी का मॉडल चीन के क्षेत्रीय प्रांतों के डेटा पर आधारित था। रिपोर्ट में कहा गया है कि दिसंबर में चीन में कोविड से मौतों की कुल संख्या एक लाख तक पहुंच सकती है, जबकि कम से कम एक करोड़ 86 लाख संक्रमित हो सकते हैं। जनवरी के मध्य तक प्रतिदिन कोविड के 37 लाख मामले पहुंच सकते हैं और 23 जनवरी तक चीन में कोविड संक्रमण से पांच लाख 84 हजार मौतों की आशंका है।
चीनी सरकार कोविड की जानकारी दुनिया के सामने साझा नहीं कर रही है, इसलिए कोविड के आंकड़ों का सही आकलन करना मुश्किल हो गया है। हालांकि, चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग (एनएचसी) ने पिछले हफ्ते पुष्टि की थी कि देश में कोविड की मौजूदा लहर दुनिया में अब तक का सबसे बड़ा प्रकोप है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च 2023 तक चीन में एक अरब से अधिक लोग कोविड से संक्रमित हो सकते हैं। चीन की 30 प्रतिशत यानी 40 करोड़ से अधिक आबादी पहले ही संक्रमित हो चुकी होगी।
चीन में ओमिक्रॉन का बीएफ.7 वैरिएंट तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है। हालांकि, श्रमिकों को कोविड के लक्षण न होने पर उन्हें काम के लिए बुलाया जा रहा है। कोरोना महामारी के कारण दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था लड़खड़ा गई है और चुनौतियों से निपटने के लिए संघर्ष कर रही है। बायोसाइंस रिसोर्स प्रोजेक्ट के कार्यकारी निदेशक और ब्रिटिश वायरोलॉजिस्ट जोनाथन लैथम ने कहा कि चीन कोविड मामलों की संख्या या मौतों के बारे में पारदर्शी नहीं हो रहा है। केवल सटीक डेटा से ही चीन और अन्य देश अच्छे निर्णय ले सकता है।