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Monday, June 17, 2024

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क्या धीरे-धीरे सच सामने आ रहा है ? “हां ईरान के हमले में अमेरिकी सैनिक निशाना बने थे” : पेंटागन

जनरल क़ासिम सुलैमानी की अमरीका द्वारा आतंकी हमले में की गई हत्या के बाद ईरान की पासदाराने इंक़ेलाब फ़ोर्स आईआरजीसी ने आठ जनवरी को इराक़ की एनुल असद छावनी पर मिसाइल बरसाए थे।

इस ऑप्रेशन में फ़ातेह-313 और क़ेयाम मिसाइल फ़ायर किए गए। यह मिसाइल एनुल असद छावनी और इराक़ी कुर्दिस्तान में अरबील के निकट स्थित अमरीकी छावनी पर गिरे। इन मिसाइलों ने भारी तबाही मचाई।

अमरीकी अधिकारियों ने शुरू ही से इस हमले से होने वाले नुक़सान के बारे में झूठ बोला। अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है सब ठीक ठाक है।

इसके बाद एक अमरीकी अधिकारी ने एसोशिएटेड प्रेस से बातचीत में कुछ अलग बयान देते हुए यह कहा कि अगर अमरीकी सैनिक मारे गए हैं तो उनकी संख्या कम है। अमरीकी युद्ध मंत्री  मार्क इस्पर तथा अमरीकी चीफ़ आफ़ आर्मी स्टाफ़ मार्क मेली सहित सैन्य व सुरक्षा अधिकारियों ने यही दावे किए किए कि ईरान के हमले में अमरीकी सैनिक नहीं मारे गए हैं।

इसके बाद धीरे धीरे अमरीकी छावनी की सैटेलाइट तसवीरें सामने आने लगीं और इन तसवीरों से साफ़ हो गया कि ईरान के मिसाइल हमले ने अमरीकी छावनियों को भारी नुक़सान पहुंचाया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा और स्ट्रैटेजिक मामलों के विशेषज्ञ डारा मैसीकोट का कहना है कि जो हमला हुआ उसमें यह संभव ही नहीं है कि अमरीका को जानी नुक़सान न हुआ हो।

कुछ अमरीकी अधिकारियों ने तो यह बयान भी दिया कि ईरान ने जान बूझकर इस तरह हमला किया कि अमरीका को कोई जानी नुक़सान न हो।

इस्राईली इंटेलीजेन्स विभाग से संबंधित दिबका फ़ाइल वेबसाइट ने लिखा कि ईरान के हमले में अमरीकी सैन्य ठिकाने की कम से कम पांच इमारतें पूरी तरह तबाह हो गईं और ट्रम्प प्रशासन यही दावा कर रहा है कि उसका कोई भी सैनिक निशाना नहीं बना है।

बाद में सीएनएन की पत्रकार को एनुल असद के भीतर जाने की अनुमति मिली तो अमरीकी सैनिक अधिकारी स्टेसी कोलमैन ने कहा कि ईरान के हमले को पूरी तरह बयान कर पाना असंभव है। यह बेहद ख़ौफ़नाक अनुभव था।

सीएनएन ने जो तसवीरें जारी कीं और जो वीडियो क्लिप प्रकाशित की उससे भी पूरी तरह ज़ाहिर था कि बहुत बड़े पैमाने पर तबाही हुई है।

ईरान के इस जवाबी हमले को एक हफ़्ते से ज़्यादा समय बीत जाने के बाद अब कुछ और हक़ीक़तें सामने आई हैं। वाशिंग्टन पोस्ट ने एक रिपोर्ट में लिखा कि ईरान के मिसाइल हमले से कम से कम दो अमरीकी सैनिक एक वाच टावर की खिड़की से नीचे गिर गए और दर्जनों सैनिक बेहोश हो गए।

इसके बाद डिफ़ेन्स वन वेबसाइट ने 17 जनवरी को अपनी रिपोर्ट में कहा कि मिसाइल हमले में 11 अमरीकी सैनिक घायल हुए हैं जिनका कुवैत और जर्मनी में अमरीकी अस्पतालों में इलाज चल रहा है।

सिटीज़न ट्रुथ नामक वेबसाइट ने लिखा कि अमरीकी अधिकारियों ने इराक़ में दूसरे स्थानों से भी अपने सैन्य उपकरण एनुल असद छावनी में लाकर एकत्रित कर दिए थे ताकि उनकी हिफ़ाज़त की जा सके। ईरान ने इसी को देखते हुए मुख्य रूप से एनुल असद छावनी को निशाना बनाया। इस वेबसाइट का कहना है कि ईरान के मिसाइल हमले में 100 से अधिक अमरीकी सैनिक मारे गए हैं।

यह लगता है कि अमरीकी संचार माध्यम धीरे धीरे एनुल असद पर हुए मिसाइल हमले से होने वाली तबाही की सच्चाई सामने ला रहे हैं यह सिलसिला अभी और भी जारी रहेगा। अब तक यह बात तो पूरी तरह साफ़ हो चुकी है कि डोनल्ड ट्रम्प ने अपने बयान में सफ़ेद झूठ बोला था।

साभार पी.टी.

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