उत्तर कोरियाई तानाशाह किम जोंग उन की हालत बहुत ज्यादा खराब हो गई थी। खुद उनकी बहन ने इस बात का खुलासा किया है। किम जोंग उन की बहन ने बताया कि उत्तर कोरियाई नेता को हाल ही में कोविड के प्रकोप के दौरान “तेज बुखार” का सामना करना पड़ा था। किम की बहन ने पड़ोसी देश दक्षिण कोरिया पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने दक्षिण कोरियाई अधिकारियों को ‘मिटाने’ तक की धमकी दे डाली। कहा कि अगर वे लोग यह प्रचार फैलाना जारी रखते हैं कि ‘किम जोंग उन प्रशासन वायरस फैलाने के लिए दोषी’ तो वे उन्हें मिटा दूंगी।
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उत्तर कोरिया की सरकारी समाचार एजेंसी ‘कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी’ (केसीएनए) की एक खबर में किम की बहन के हवाले से कहा गया कि उनके भाई को बुखार था। इसके लिए उन्होंने दक्षिण कोरिया को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके देश में वायरस दक्षिण कोरिया द्वारा गुब्बारों में भरकर भेजे गए ‘पैम्फलेट’ (पर्चों) से फैला है। उन्होंने इसके खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की भी चेतावनी दी।
कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बढ़ती आर्थिक कठिनाइयों के बीच किम को देश पर पूर्ण नियंत्रण बनाए रखने में मदद करने के लिए उत्तर कोरिया ने इस प्रकोप को कम दिखाने की कोशिश की है। उनका मानना है कि वैश्विक महामारी से पार पाने की किम की इस घोषणा का मकसद दूसरी चीजों की ओर अब ध्यान आकर्षित करना है।
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वहीं, दक्षिण कोरिया के एकीकरण मंत्रालय ने किम की बहन की टिप्पणी का विरोध करते हुए एक बयान में कहा कि वह उत्तर कोरिया की ‘‘बेहद अपमानजनक और धमकी भरी टिप्पणियों’’ पर गहरा खेद व्यक्त करते हैं, जो संक्रमण की उत्पत्ति के उसके ‘‘बेतुके दावों’’ पर आधारित है।
उत्तर कोरिया ने मई में कोरोना वायरस संक्रमण के ‘ओमिक्रॉन’ स्वरूप के मामले देश में सामने आने की पुष्टि की थी। उसने 2.6 करोड़ की आबादी वाले देश में करीब 48 लाख ‘‘बुखार के मामले’’ सामने आने की जानकारी दी थी। उसने केवल 74 लोगों के इससे जान गंवाने की पुष्टि की है।
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केसीएनए के अनुसार, किम ने बुधवार को अपने भाषण में कहा, ‘‘हमने (मई से) जब से महामारी के खिलाफ अत्यधिक आपात उपाय अपनाने का अभियान शुरू किया…बुखार के दैनिक मामले जो लाखों की संख्या में सामने आ रहे थे, एक महीने बाद 90,000 से कम हो गए और लगातार कम होते गए और 29 जुलाई से इस घातक बुखार का एक भी मामला सामने नहीं आया है।’’ उन्होंने कहा कि इस बीमारी पर इतने कम समय में नियंत्रण और देश को फिर से वायरस मुक्त क्षेत्र बनाना एक अद्भुत चमत्कार है, जिसे दुनिया के सार्वजनिक स्वास्थ्य के इतिहास में दर्ज किया जाएगा।