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Thursday, May 2, 2024

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गुरूर्ब्रह्मा गुरूर्विष्णुः गुरूर्देवो महेश्वरः ।गुरूर्साक्षात परब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ।।

Happy Teachers Day 2021: आज शिक्षक दिवस है। यह हर साल भारत में 5 सितंबर को मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों में लिखा है कि व्यक्ति को इच्छा प्राप्ति के लिए ईश्वर की भक्ति और ज्ञान प्राप्ति के लिए गुरु की सेवा करनी चाहिए। गुरु शिष्य के जीवन में व्याप्त अंधकार को मिटाकर प्रकाश फैलाते हैं। गुरु बिना ज्ञान हासिल नहीं होता है। इसके लिए हर एक व्यक्ति के जीवन में गुरु का होना बहुत जरूरी है।

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इस दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों के सम्मान के साथ-साथ शिक्षा के प्रति लोगों (अभिभावकों और बच्चों) को जागरुक करना है। इस दिन भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और देश के दूसरे राष्ट्रपति डॉ॰ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। डॉ॰ राधाकृष्णन सनातन संस्कृति के संवाहक और प्रख्यात विचारक थे। शिक्षक दिवस के दिन देशभर के स्कूल और कॉलेजों में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इनमें शिक्षकों को सम्मानित किया जाता है। इस मौके पर लोग एक दूसरे को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं देते हैं। 

भारत के पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के मौके पर हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। हर व्यक्ति के जीवन में उसके शिक्षक का सबसे महत्वपूर्ण स्थान होता है। इतना महत्वपूर्ण कि उसे भगवान का दर्जा दिया जाता है। शिक्षक दिवस के दिन स्कूल और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिसमें स्टूडेंट्स टीचर्स पर स्पीच देते हैं। यह दिन शिक्षकों के प्रति प्यार और सम्मान प्रकट करने का दिन होता है। 

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आज शिक्षक दिवस है। मैं आप सभी को इस दिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं। शिक्षक हमारे जीवन से स्तंभ होते हैं। वह अपना समय देकर हमारे जीवन को संवारते हैं और आगे बढ़ाते हैं। शिक्षक ना सिर्फ हमें शिक्षा देते हैं बल्कि वह हमेशा हमें अच्छा इंसान बनाने की कोशिश करते रहते हैं। उनकी कही बातें ही हमारे जीवन का निखारती हैं।

इस दिन देश के पहले उपराष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस होता है जो एक शिक्षक थे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे। 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के छोटे से गांव तिरुमनी में जन्मे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी इसलिए इस दिन को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

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शिक्षक हमारे समाज का निर्माण करते हैं। वहीं हमारे मार्गदर्शक होते हैं। शिक्षक का स्थान माता पिता से भी ऊंचा होता है। माता-पिता बच्चे को जन्म जरूर देते हैं लेकिन शिक्षक उसके चरित्र को आकार देकर उज्वल भविष्य की नींव तैयार करता है। इसलिए हम चाहें कितने भी बड़े क्यों न होने जाए हमें अपने शिक्षकों को कभी नहीं भूलना चाहिए। 

यकीन मानिए, हमें जीवन के हर मुश्किल और अच्छे मोड़ पर टीचर्स की सिखाई बातें याद आती रहेंगी। एक कुम्हार जैसे मिट्टी के बर्तन को दिशा देता है, वैसे ही टीचर्स हमारे जीवन को संवारते हैं। 

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