पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत के बंदरगाह शहर ग्वादर में चीनी इंजीनियरों को ले जा रहे एक काफिले पर आतंकियों ने हमला बोल दिया। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने दो आतंकियों को मार गिराया गया। जानकारी के मुताबिक, काफिले में तीन एसयूवी और एक वैन शामिल थी। सभी बुलेटप्रूफ थीं। इनके जरिए 23 चीनी कर्मियों को ले जाया जा रहा था। हमले के दौरान एक आईईडी विस्फोट हुआ। इस दौरान वैन पर गोलियां बरसाईं गईं।
ग्वादर बंदरगाह अरबों डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) के केंद्र बिंदुओं में से एक है, जिसमें कई चीनी श्रमिक बंदरगाह पर काम कर रहे हैं। चीन सीपीईसी के तहत बलूचिस्तान में भारी निवेश कर रहा है। फिलहाल चीन की तरफ से अपने नागरिकों को घर में रहने की सलाह दी गई है। पाकिस्तान और चीन एक-दूसरे के संपर्क में हैं और हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
बलूच लिबरेशन आर्मी ने ली हमले की जिम्मेदारी
सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) के मुताबिक, आतंकवादियों ने सुबह 10 बजे हमला बोला। उन्होंने छोटे हथियारों और हथगोले का इस्तेमाल किया गया। हालांकि, बयान में चीनी इंजीनियरों पर किसी हमले का जिक्र नहीं किया गया। बलूचिस्तान में सक्रिय उग्रवादी समूह बलूच लिबरेशन आर्मी माजिद ब्रिगेड ने हमले की जिम्मेदारी ली है।
पहले बयान में कही गई थी यह बात
इससे पहले आईएसपीआर की ओर से जारी किए गए बयान में कहा गया था कि सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में आतंकियों की मौजूदगी के बारे में इनपुट के बाद एक अभियान चलायाथा। इस दौरान एक आतंकी मारा गया और तीन अन्य घायल हो गए। सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और तलाशी अभियान शुरू किया है।
घात लगाकर किया गया हमला
सीनेटर सरफराज बुगती ने कहा कि मैं ग्वादर में चीनी श्रमिकों के काफिले पर जघन्य आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता हूं। शुक्र है कि कोई जानमाल की हानि नहीं हुई। ऐसी खबरें हैं कि घात लगाकर किए गए हमले को नाकाम कर दिया गया और हमलावर मारे गए। इसी तरह की एक घटना में शनिवार रात खैबर-पख्तूनख्वा (के-पी) के बाजौर जिले में झड़प के दौरान एक सैनिक मारा गया और चार आतंकियों को मार गिराया गया।
झोब और सुई इलाकों में 12 सैनिक मारे गए थे
पिछले साल नवंबर में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने सरकार के साथ अपना संघर्षविराम समाप्त कर दिया था। इसके बाद से ही देश में आतंकी गतिविधियों में बढ़ोतरी देखी गई है। इसका सबसे ज्यादा असर खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में देखा जा रहा है। पिछले महीने बलूचिस्तान के झोब और सुई इलाकों में अभियान के दौरान पाकिस्तानी सेना के 12 सैनिक मारे गए थे। यह इस साल आतंकवादी हमलों में सेना की एक दिन में मौत का सबसे बड़ा आंकड़ा है।