पाकिस्तान की प्रांतीय पंजाब सरकार ने सभी चीनी नागरिकों को सुरक्षा मुहैया कराने से इनकार कर दिया है। पंजाब सरकार ने देश में आतंकी हमलों के बीच चीनी नागरिकों से निजी सुरक्षा कंपनियों की सुविधा किराए पर लेने के लिए कहा है। पेशावर शहर के पुलिस लाइंस इलाके में एक मस्जिद में हुए आत्मघाती हमले के कुछ दिनों बाद पंजाब प्रांत के गृह विभाग ने यह निर्देश जारी किया है। इस आतंकी हमले में 100 से ज्यादा लोग मारे गए थे, इनमें ज्यादातर पुलिसकर्मी थे।
निर्देश में कहा गया है कि पंजाब गृह विभाग ने प्रांत में रहने वाले या निजी कंपनियों के साथ काम करने वाले चीनी नागरिकों को उनकी सुरक्षा के लिए ए श्रेणी की निजी सुरक्षा कंपनियों को नियुक्त करने का निर्देश दिया है। हालांकि, पंजाब सरकार ने स्पष्ट किया कि वह चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) और सरकार से संबंधित अन्य परियोजनाओं के लिए काम कर रहे चीनी नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना जारी रखेगी।
आपको बता दें कि हाल के दिनों में पाकिस्तान में ऐसी कई घटनाएं हुई हैं, जिनमें सरकारी और निजी दोनों परियोजनाओं के लिए काम कर रहे चीनी नागरिकों को निशाना बनाया गया है। वहीं, चीन अशांत क्षेत्रों में काम करने वाले अपने नागरिकों को पुख्ता सुरक्षा मुहैया कराने के लिए पाकिस्तान पर दबाव डालता रहा है।
आतंकियों के निशाने पर रहे हैं चीनी नागरिक
जुलाई 2021 में खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में चीनी नागरिकों को ले जा रही बस को आतंकियों ने निशाना बनाया गया था। इस आत्मघाती हमले में 10 चीनी नागरिक मारे गए, जिनमें ज्यादातर इंजीनियर थे। सभी बस से एक जलविद्युत परियोजना के कार्यस्थल पर जा रहे थे। बता दें, पाकिस्तान में चीनी नागरिकों की संख्या बढ़ने का प्रमुख कारण सीपीईसी परियोजना है, जो बलूचिस्तान में ग्वादर पोर्ट को चीन के झिंजियांग प्रांत से जोड़ता है। यह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव की प्रमुख परियोजना है।