अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने सोमवार को अपने चीनी समकक्ष शी जिनपिंग से बात की। इस दौरान उन्होंने जिनपिंग को आश्वासन दिया कि वह द्विपक्षीय संबंधों को जिम्मेदारी से प्रबंधित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। दोनों नेताओं ने वॉशिंगटन और बीजिंग के बीच राजनयिक संबंधों की 45वीं वर्षगांठ के मौके पर बधाई संदेशों का आदान-प्रदान किया।
इससे पहले दोनों नेताओं ने पिछले साल नवंबर में सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपीईसी) शिखर सम्मेलन से इतर मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने दुनियां की दोनों शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ते तनाव को करने पर सहमति जताई थी।
शी को भेजे गए संदेश में बाइडन ने कहा कि 1979 में अमेरिका और चीन के बीच राजनयिक संबंध स्थापित हुए थे। इन संबंधों ने दोनों देशों और दुनिया के लिए समृद्धि और अवसरों की सुविधा प्रदान की है। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, बाइडन ने कहा कि वह इन महत्वपूर्ण संबंधों को जिम्मेदारी से प्रबंधित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वह बैठकों और चर्चाओं के जरिए अमेरिका-चीन संबंधों को आगे बढ़ाने को लेकर आशान्वित हैं।
दोनों देशों के उच्च स्तरीय अधिकारियों के बीच व्यापक बातचीत के बाद शिखर वार्ता हुई। वहीं, शी ने अपने पत्र में बाइडन से शिखर सम्मेलन के परिणामों को ईमानदारी से लागू करने का आग्रह किया। जिनपिंग ने कहा कि इतिहास पहले ही साबित कर चुका है कि आपसी सम्मान, शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व और दोनों की जीत वाला सहयोग चीन और अमेरिका के लिए एक-दूसरे के साथ आने का सही तरीका है।
शी ने कहा कि उन्होंने और बाइडन ने सैन फ्रांसिस्को में अपनी बैठक के दौरान भविष्योन्मुखी ‘सैन फ्रांसिस्को विजन’ तैयार किया है, जो चीन-अमेरिका संबंधों के विकास के लिए मार्ग प्रशस्त करेगा। उन्होंने चीन और अमेरिका से दोनों राष्ट्राध्यक्षों के बीच बनी महत्वपूर्ण सहमति और परिणामों को ईमानदारी से लागू करने और चीन-अमेरिका संबंधों के स्थिर, स्वस्थ और सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए ठोस कार्रवाई करने का आह्वान किया।
उन्होंने जोर देकर कहा कि वह दोनों देशों के लोगों को लाभ पहुंचाने और विश्व शांति व विकास को बढ़ावा देने के लिए चीन-अमेरिका संबंधों के मार्ग को आगे बढ़ाने के लिए बाइडन के साथ काम करना चाहते हैं। शिखर वार्ता के दौरान शी और बाइडन उच्च स्तरीय ‘सैन्य संवाद’ बहाल करने पर सहमत हुए हैं। यह सैन्य संवाद 2022 में तत्कालीन अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैन्सी पेलोसी के ताइवान दौरे के बाद टूट गया था। चीन, ताइवान पर अपना दावा करता है। हालांकि, ताइवान चीन के इस दावे को हमेशा खारिज करता है। उधर, अमेरिका ताइवान का समर्थन करता है। .