दिल्ली हाईकोर्ट के जज जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में कर दिया गया है। अदालत ने कहा था कि पुलिस इस मामले में गुरुवार को अदालत को बताए कि कितनी प्रगति हुई है लेकिन गुरुवार से पहले रात में ही उनका तबादला कर दिया गया।
जस्टिस एस मुरलीधर ने बुधवार को केंद्र, दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को राजधानी में हिंसा रोकने में नाकाम रहने पर फटकार लगाई थी।
बुधवार को उन्होंने इस मामले की सुनवाई गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गयी थी।
भारतीय मीडिया के अनुसार राष्ट्रपति भवन से जस्टिस एस मुरलीधर के तबादले की अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भारत के मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबड़े के साथ परामर्श करने के बाद जस्टिस एस मुरलीधर का तबादला दिल्ली उच्च न्यायालय से पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में किया है।
भारतीय मीडिया ने बताया है कि जस्टिस मुरलीधर के तबादले का नोटिफिकेशन केंद्र सरकार ने बुधवार रात जारी किया. गौरतलब है कि सुप्रीट कोर्ट द्वारा तबादले की अनुशंसा 12 फरवरी को की गई थी लेकिन नोटिफिकेशन दो हफ्ते बाद जारी किया गया है।
दिल्ली हाईकोर्ट की बार असोसिएशन ने पिछले हफ्ते तबादले की निंदा की थी और सुप्रीम कोर्ट से फैसला वापिस लेने की अपील भी की थी।
दिल्ली हिंसा को लेकर बुधवार को जस्टिस मुरलीधर ने कहा था कि हम देश में दोबारा 1984 जैसी घटना होने नहीं दे सकते।
जस्टिस मुरलीधर ने केंद्र और दिल्ली सरकार को मिलकर हिंसा की घटनाओं से निपटने के लिए कहा था।
दिल्ली हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा, अनुराग ठाकुर, अभय वर्मा और प्रवेश वर्मा के बयानों की वीडियो दिखाई गई थी।
दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर से कहा कि वो जाकर अपने कमिश्नर को बता दें कि अदालत बहुत नाराज़ है।
साभार पी. टी.