31 C
Mumbai
Saturday, May 11, 2024

आपका भरोसा ही, हमारी विश्वसनीयता !

जम्मू कश्मीर में आतंकी हमले की खुफिया सूचना मिली है. केंद्र सरकार ने इसी के मद्देनजर राज्य में 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती का निर्णय लिया है. बता दें कि ये चर्चा चल रही है कि केंद्र सरकार 35ए को हटाने के लिए सरकार ने अतिरिक्त जवानों की तैनाती की है।

रिपोर्ट-विपिन निगम

न्यूज डेस्क, श्रीनगर: जम्मू-कश्मीर में 10 हजार अतिरिक्त जवानों की तैनाती के आदेश के बाद राजनीतिक रूप से खलबली मची हुई है. अब ये खबर आ रही है कि अतिरिक्त जवानों की तैनाती खुफिया इनपुट के बाद की गई है. दरअसल, खुफिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आतंकवादी कश्मीर में किसी बड़े हमले को अंजाम दे सकते हैं. इस गुप्त सूचना के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने काउंटर टेररिस्ट ग्रिड की अहम बैठक की.

वहीं, राजनीतिक रूप से कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि 35ए की ये तैयारी है. बता दें कि बीजेपी के कोर एजेंडे में जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 35 ए और 370 को खत्म करने का का वादा शामिल रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए 35ए के हटाने से संबंधित चर्चा तेज हो गई है.

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार ने शुक्रवार को विभिन्न जवानों के अतिरिक्त 100 कंपनियों की तैनाती जम्मू कश्मीर में करने का फैसला किया है. इन जवानों में सीआरपीएफ की 50, बीएसएफ की 10, एसएसबी की 30, आईटीबीपी की 10 कंपनियां जम्मू कश्मीर में तैनात की जाएंगी.

जम्मू कश्मीर के दलों ने किया है विरोध

राज्य में सेना के अतिरिक्त जवानों की तैनाती के फैसले के बाद राज्य की पार्टियों ने कड़ा विरोध जताया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी ने राज्य में अतिरिक्त जवानों की तैनाती का विरोध किया है. सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 और 35ए को चुनौती देने वाली याचिकाएं लंबित हैं. इस पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मोदी सरकार से सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने को कहा है.

वहीं, जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी में केंद्रीय बलों की अतिरिक्त 100 कंपनियों को तैनात करने के केंद्र के फैसले की आलोचना की है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या राजनीतिक है, जिसे सैन्य तरीकों से हल नहीं किया जा सकता है. पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा ने कहा कि केंद्र को अपनी कश्मीर नीति पर पुनर्विचार और उसे दुरुस्त करना होगा.

Latest news

ना ही पक्ष ना ही विपक्ष, जनता के सवाल सबके समक्ष

spot_img
Related news

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Translate »