ब्रिटेन में होने वाले शोध में चीन में दोबारा कोरोना के फैल जाने की आशंका जताई गयी है।
विदेश – कोरोना वायरस सबसे पहले चीन में फैला जिसके बाद पूरी दुनिया में लाखों लोग इस वायरस से संक्रमित हो गये। रोचक बात यह है कि इस वायरस के फैलने पर चीन ने कामयाबी प्राप्त कर ली जबकि तकनीक और चिकित्सा में सबसे आगे समझने वाले अमेरिका और यूरोपीय देशों में इस समय कोरोना वायरस के मामले सबसे अधिक सामने आ रहे हैं। ब्रिटेन में किये जाने वाले एक शोध में कहा गया है कि चीन में कोरोना वायरस से मरने और संक्रमित होने वाले व्यक्तियों की संख्या जो कम रही है उसकी एक मुख्य वजह चीन का फैसला था।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में किये गये शोध के अनुसार चीन की आपातकालीन कार्यवाही वुहान शहर के बाहर 7 लाख से अधिक मामलों की रोकथाम में सहायक सिद्ध हुई। शोध में कहा गया है कि चीन में कोरोना महामारी फैलने के 50वें दिन यानी 19 फरवरी को कोरोना से संक्रमित मामलों की संख्या 30 हज़ार थी और अगर वुहान में आवागमन को सीमित न किया जाता तो वुहान से बाहर चीन में कोरोना से संक्रमित होने वाले व्यक्तियों की संख्या 7 लाख से भी अधिक हो सकती थी।
शोध में बताया गया है कि चीन की ओर से सुरक्षा की दिशा में जो कदम उठाये गये उसके कारण कोरोना वायरस को नियंत्रित करने में सहायता मिली क्योंकि इस वायरस के शिकार और स्वस्थ लोगों को एक दूसरे से अलग रखा गया। इसी तरह शोध में बताया गया है कि चीनी अधिकारियों ने वुहान में कोरोना वायरस के मामले सामने आते ही उसे बंद कर दिया था जिसकी वजह से दूसरे नगरों को ज़रूरी कदम उठाने का प्रयाप्त समय मिल गया।
उल्लेखनीय है कि शोध में चीन में फिर से कोरोना के फैलने की संभावना जताई गयी है क्योंकि अब भी चीन में बड़ी संख्या में लोग इस वायरस के ख़तरे का शिकार हैं।
साभार पी.टी.