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Sunday, May 19, 2024

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झटका स्कॉटलैंड की आजाद होने की कोशिशों को, दूसरे जनमत संग्रह की इजाजत सुप्रीम कोर्ट ने नहीं दी

ब्रिटेन से अलग होकर अपनी स्वायत्तता की चाह रखने वाली स्कॉटलैंड की सरकार को बड़ा झटका लगा है। बुधवार को ब्रिटेन की लंदन स्थित सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि ब्रिटेन के साथ स्कॉटलैंड के बने रहने पर को लेकर होने वाला दूसरा जनमत-संग्रह ब्रिटेन की संसद की मंजूरी के बिना नहीं हो सकता। वहीं, ब्रिटेन के नए पीएम ऋषि सुनक ने अदालत के इस आदेश का स्वागत किया है। 

ब्रिटेन की अदालत ने स्कॉटिश सरकार को दिया झटकागौरतलब है कि स्कॉटलैंड काफी लंबे अरसे से ब्रिटेन से पूर्ण आजादी की मांग कर रहा है। इस क्रम में एक बार वहां जनमत संग्रह हो भी चुका है। इसी मसले पर ब्रिटेन की सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को स्कॉटलैंड को करारा झटका दिया है। ब्रिटेन के उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को व्यवस्था दी कि स्कॉटलैंड के पास ब्रिटिश सरकार की मंजूरी के बिना स्वतंत्रता पर नया जनमत-संग्रह कराने का अधिकार नहीं है। यह फैसला ब्रिटेन से अलग होने के स्कॉटिश सरकार के अभियान के लिए झटका है।

ऋषि सुनक ने किया फैसले का स्वागत
वहीं, अदालत के फैसले का ब्रिटिश प्रधान मंत्री ऋषि सुनक ने स्वागत किया। उन्होंने फैसले के तुरंत बाद सुनक ने हाउस ऑफ कॉमन्स में कहा कि यह एक स्पष्ट और निश्चित फैसला है। उन्होंने यूके के सभी हिस्सों से सहयोगी और रचनात्मक संघ के रूप में एक साथ काम करने का आह्वान किया। वहीं, फैसले को लेकर उन्होंने कहा कि ‘हम यूनाइटेड किंगडम के सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट और निश्चित फैसले का सम्मान करते हैं।’ 

उन्होंने कहा कि मेरा मानना है कि स्कॉटलैंड के लोग भी चाहते हैं कि हम सामूहिक रूप से प्रमुख चुनौतियों को हल करने पर काम करें। चाहें वे चुनौतियां अर्थव्यवस्था से जुड़ी हों या रूस-यूक्रेन जंग में यूक्रेन का समर्थन। ब्रिटेन के सभी हिस्सों के राजनेताओं के एक साथ काम करने का यही समय है। 

स्कॉटलैंड की प्रथम मंत्री निकोला स्टर्जन ने दिया था प्रस्ताव
स्कॉटलैंड की प्रथम मंत्री निकोला स्टर्जन ने सांसदों से कहा था कि उनकी योजना 19 अक्टूबर, 2023 को स्कॉटलैंड की स्वतंत्रता पर एक नया Indyref2 नामक जनमत संग्रह कराने की है। स्टर्जन ने कहा था कि इसमें पूछा जाने वाला प्रश्न वही होगा जो स्कॉटलैंड के 2014 के स्वतंत्रता जनमत संग्रह में था, क्या स्कॉटलैंड को एक स्वतंत्र देश होना चाहिए? गौरतलब है कि स्कॉटलैंड के मतदाताओं ने 2014 के जनमत संग्रह में स्वतंत्रता के विचार को खारिज कर दिया था, जिसमें 55 प्रतिशत मतदाताओं ने कहा था कि वे ब्रिटेन का हिस्सा बने रहना चाहते हैं।

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