पाकिस्तान में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर पाबंदी शुक्रवार को चौथे हफ्ते में प्रवेश कर गई। इसे जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पीटीआई के कथित दुष्प्रचार को रोकने के लिए लागू किया गया था। पीटीआई ने आरोप लगाया था कि पीएमएल-एन पार्टी ने आठ फरवरी के आम चुनाव में बड़े पैमाने पर हेराफेरी की है।
न तो पिछली अनवर उल हक काकर की कार्रवाहक सरकार और न ही मौजूदा शहबाज शरीफ सरकार कोई कारण बताने को तैयार है कि देश में एक्स पर इतने लंबे समय से पाबंदी क्यों लगा रखी है। सिंध उच्च न्यायालय ने एक्स तक नागरिकों की पहुंच को बहाल करने का निर्देश दिया था। लेकिन इसके बावजूद तीन हफ्ते से ज्यादा समय से एक्स की सेवाएं बंद हैं।
सरकार ने अब तक नहीं दिया कोई स्पष्टीकरण
आमतौर पर इस तरह के फैसले को अधिकारी किसी न किसी बहाने के आधार पर उचित ठहराते थे। लेकिन इस बार सरकार की ओर से कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया है कि उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) को एक्स तक पहुंच से क्यों रोका जा रहा है। पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (पीटीए) देश में इंटरनेट के इस्तेमाल को नियंत्रित करता है। हालांकि, पीटीए इस बात से साफ इनकार कर रहा है कि एक्स पर पाबंदी लगाई गई है।
इमरान खान की पार्टी ने पूछा यह सवाल
वहीं, पीटीआई का कहना है कि अगर देश का शीर्ष नियामक दावा कर रहा है कि उसने कोई पाबंदी नहीं लगाई है, फिर एक्स तक पहुंच को कौन रोक रहा है? एक्स लाखों लोगों के लिए सूचना का एक महत्वपर्ण स्त्रोत है और इसे मनमाने ढंगे से बंद नहीं किया जा सकता है। पीटीआई ने कहा कि जनादेश की चोरी करने वाले और उनके समर्थक लोगों की आवाज से डरते हैं। इसलिए वे अपने फासीवादी शासन को बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया पर अनिश्चितकाल के लिए पाबंदी लगाना चाहते हैं।
अधिकारी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद लगी पाबंदी
फरवरी के मध्य में रावलपिंडी के आयुक्त लियाकत चठा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (सीजेपी) काजी फैज ईसा और मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सिकंदर राजा आठ फरवरी के चुनाव में बड़े पैमाने पर धांधली में शामिल हैं। इसके बाद इमरान खान की पार्टी के समर्थकों ने एक्स पर इस मुद्दे को उठाया और चुनाव में हेराफेरी के जांच की मांग की और चुराए गए जनादेश को पीटीआई को लौटाने की मांग की। फिर पाकिस्तानी अधिकारियों ने एक्स को बंद कर दिया।