भारत मेंकोरोना की तीसरी लहर के बारे में वहां के एआईआईएम एस के डायरेक्टर ने चेतावनी जारी की है।
भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि यदि कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं किया गया और बाजारों या टूरिस्ट स्पॉट पर लगने वाली भीड़ को नहीं रोका गया तो कोरोना की तीसरी लहर सिर्फ 6 से 8 हफ्तों में पूरे देश पर अटैक कर सकती है।
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इससे पहले भारत के महामारी विशेषज्ञों ने पहले सितंबर से अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका जताई थी। डॉ. गुलेरिया ने यह भी कहा कि अबतक की रिसर्च में ऐसे कोई सबूत नहीं मिले हैं जिनसे यह पता चलता हो कि कोरोना की तीसरी लहर बड़ों से ज्यादा बच्चों को प्रभावित करेगी।
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याद रहे कि भारत में अप्रैल और मई महीनों के बीच कोरोना की दूसरी लहर, अपने पीक पर पहुंची थी। इस बीच पूरे भारत में कोरोना से मौतों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। कोरोना की दूसरी लहर के पीक के समय वहां के अधिकतर राज्यों में ऑक्सीजन की बहुत कमी देखी गई थी। इसके अतिरिक्त शवों के दाह संस्कार में भी कई प्रकार की अनियमितताओं को देखा गया था।
हालांकि पिछले कुछ दिनों से भारत में कोरोना के केस घटने शुरू हो गए हैं।याद रहे कि भारत में शनिवार को कोरोना के 58,562 मरीज मिले थे। इस बीच 87,493 लोग ठीक हुए जबकि 1,537 की मौत हो गई। रिपोर्टों के अनुसार राहत की बात यह है कि पिछले 24 घंटों में मिले नए संक्रमितों की संख्या पिछले 81 दिनों में सबसे कम है। इससे पहले 30 मार्च को 53,237 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।
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इस समय भारत के 10 राज्यों में पूर्ण लॉकडाउन जैसी पाबंदियां हैं। इनमें पश्चिम बंगाल, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, कर्नाटक, तमिलनाडु, मिजोरम, गोवा और पुडुचेरी शामिल हैं। यहां पिछले लॉकडाउन जैसे ही कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं।