रिपोर्ट – सज्जाद अली नयाने
फ़ार्स खाड़ी में ईरान द्वारा अमरीकी ड्रोन विमान मार गिराने के बाद वाशिंगटन ने तेहरान को संदेश भिजवाया था कि दुनिया में अपनी इज्ज़त बचाने के लिए वह ईरान में बहुत सीमित पैमाने पर हमला करना चाहता है।
विदेश – ईरान के एक वरिष्ठ कमांडर ब्रिगेडियर जनरल ग़ुलाम रज़ा जलाली ने रविवार को एक बड़ा रहस्योद्घाटन करते हुए कहा, घुसपैठिए ड्रोन विमान को मार गिराए जाने के बाद अमरीका ने कूटनीतिक मध्यस्थतों द्वारा हमें यह संदेश भेजा कि वह दुनिया में अपनी लाज रखने के लिए बंजर इलाक़े में एक सीमित हमला करना चाहता है, इसलिए ईरान इस हमले पर जवाबी कार्यवाही नहीं करे, लेकिन हमने स्पष्ट कर दिया कि किसी भी तरह के हमले को हम युद्ध की शुरूआत समझेंगे।
आईआरजीसी के वरिष्ठ कमांडर का कहना था कि ईरान ने अमरीका को स्पष्ट संदेश दे दिया था कि हम हर प्रकार के हमले को युद्ध की घोषणा समझकर उसका उचित जवाब देंगे और अगर तुमने युद्ध शुरू किया तो ईरान अपनी शर्तों पर रक्षा करेगा और युद्ध का अंत करेगा।
रॉयटर्ज़ ने दो अज्ञात ईरानी अधिकारियों के हवाले से कहा है कि ट्रम्प ने ओमान के माध्यम से ईरान को यह संदेश दिया था।
अपने इस संदेश में अमरीकी राष्ट्रपति ट्रम्प ने कहा था कि वह ईरान के साथ युद्ध के विरुद्ध हैं, बल्कि ईरान के साथ विभिन्न मुद्दों पर वार्ता करना चाहते हैं। हालांकि तेहरान ने ओमानी अधिकारियों को बता दिया था कि ईरान पर होने वाले किसी भी हमले के क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर परिणाम भुगतने होंगे।
जून में ईरान ने अमरीकी ड्रोन विमान ग्लोबल हॉक को अपनी वायु सीमा का उल्लंघन करने के कारण मार गिराया था। जिसके बाद दोनों देशों के बीच तनाव में अभूतपूर्व वृद्धि हो गई थी और ट्रम्प ने दावा किया था कि उन्होंने ईरान पर हवाई हमले का आदेश देकर अंतिम क्षणों में वापस ले लिया था।
हालांकि ट्रम्प का दावा था कि इंसानी जानों को होने वाले संभावित ख़तरे के कारण उन्होंने यह आदेश वापस लिया था, लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि ईरान के व्यापक जवाबी हमले के डर से अमरीकी राष्ट्रपति अपना आदेश वापस लेने के लिए मजबूर हुए थे।