नाइजीरिया के सैनिकों ने 13 दिसंबर 2015 को कादूना प्रांत के ज़ारिया शहर की इमाम बारगाह पर हमला करके शैख़ ज़कज़की और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया।
विदेश – नाइजीरिया के मुसलमान इस देश के विभिन्न नगरों में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करके धर्मगुरू शैख़ ज़कज़की की रिहाई की मांग कर रहे हैं। नाइजीरिया के मुसलमानों ने इस देश के दूसरे सबसे बड़े नगर कानू में रविवार को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करके शैख़ ज़कज़की की तुरंत रिहाई की मांग की।
हालिया सप्ताहों में जब से इस बात की सूचना आई है कि जेल में शैख़ ज़कज़की बीमार हैं और उनकी तबीयत बहुत ख़राब है और इस बात की भी संभावना जताई जा रही है कि जेल में उन्हें ज़हर दे दिया गया है तब से नाइजीरिया के मुसलमानों ने अपने प्रदर्शनों में गति प्रदान कर दी है।
नाइजीरिया के सैनिकों ने 13 दिसंबर 2015 को कादूना प्रांत के ज़ारिया शहर की इमाम बारगाह पर हमला करके शैख़ ज़कज़की और उनकी पत्नी को गिरफ्तार कर लिया। इस हमले में शैख़ ज़कज़की के तीन बेटे और नाइजीरिया के कई सौ मुसलमान शहीद व घायल हुए थे।
यद्यपि नाइजीरिया के उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2016 को शैख़ ज़कज़की को तुरंत रिहा करने का आदेश दिया था परंतु आज तक इस आदेश पर अमल नहीं हुआ और शैख़ ज़कज़की और उनकी पत्नी यथावत जेल में बंद हैं।
शैख़ ज़कज़की ग़ैर कानूनी गिरफ्तारी के जारी रहने से नाइजीरिया के मुसलमान बहुत क्रोधित हैं।
नाइजीरिया के अधिकांश मुसलमानों का मानना है कि शैख़ ज़कज़की की गिरफ्तारी से इस देश के मुसलमानों पर अधिक दबाव डालने की भूमि प्रशस्त हो गयी है।
जैसाकि पिछले वर्षों में मुसलमानों के शांतिपूर्ण प्रदर्शनों के खिलाफ नाइजीरिया के सुरक्षा बलों ने बल प्रयोग किया और कई प्रदर्शनकारी हताहत व घायल हो गये।
नाइजीरिया के इस्लामी आंदोलन के नेता शैख़ ज़कज़की के परिवार के निकट सूत्रों ने बताया है कि शैख़ ज़कज़की की स्थिति विषम है और उन्हें जल्द से जल्द रिहा किया जाना चाहिये।
शैख़ ज़कज़की को रिहा करने में नाइजीरिया की सरकार की आनाकानी और जेल में उन्हें ज़हर देने के विषय ने स्थिति को और जटिल बना दिया है।
नाइजीरिया के मुसलमान शैख़ ज़कज़की के संबंध में इस देश की सरकार के क्रिया-कलापों से न केवल नाराज़ हैं बल्कि इस देश की सरकार के क्रिया- कलापों और मानवाधिकार के हनन के संबंध में अंतरराष्ट्रीय संगठनों की चुप्पी पर भी उन्हें आपत्ति है।
शैख़ ज़कज़की के समर्थकों ने बल देकर कहा है कि मानवाधिकार एक अंतरराष्ट्रीय विषय है और शैख़ ज़कज़की के संबंध में भी उसका ध्यान रखा जाना चाहिये परंतु नाइजीरिया के अधिकारियों ने इसका घोर हनन किया है।
जानकार हल्कों का मानना है कि नाइजीरिया के उच्च न्यायालय द्वारा शैख़ ज़कज़की को रिहा करने का आदेश देने के बावजूद उन्हें अभी तक स्वतंत्र नहीं किया गया तो इसकी वजह सऊदी अरब और उसके घटकों का नाइजीरिया की सरकार पर दबाव है।