संयुक्त राष्ट्र ने एक चिंताजनक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें उसने बताया कि तालिबान और अल-कायदा से जुड़े समूहों जैसे तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान द्वारा नाटो-कैलिबर हथियारों को आईएसआईएल-के तक पहुंचाया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र ने 2021 में तालिबान के अधिग्रहण के बाद अफगानिस्तान के भीतर और पड़ोसी देशों में सैन्य उपकरणों के प्रसार पर चिंता व्यक्त की है।
अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को लेकर यूएन महासचिव की 17वीं रिपोर्ट में कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश अफगानिस्तान, मध्य पूर्व और अफ्रीका में हथियारों के प्रसार, विशेष रूप से हथियारों की पहुंच को लेकर चिंतित हैं। आईएसआईएल (दाएश) के क्षेत्रीय सहयोगियों ने छोटे हथियारों और हल्के हथियारों के साथ-साथ मानव रहित विमान प्रणालियों और तात्कालिक विस्फोटक उपकरणों को उस तक पहुंचाने में वृद्धि की है।
सदस्य देशों ने बताया कि उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन-कैलिबर हथियार जो आमतौर पर पूर्व अफगान राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा बलों से जुड़े होते हैं, उन हथियारों को तहरीक-ए तालिबान पाकिस्तान, ईस्टर्न तुर्किस्तान इस्लामिक मूवमेंट, टीआईपी जैसे तालिबान और अल-कायदा से जुड़े समूहों द्वारा आईएसआईएल-के में स्थानांतरित किया जा रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सदस्य देशों ने आईएसआईएल-के को अफगानिस्तान और व्यापक क्षेत्र में सबसे गंभीर आतंकवादी खतरा माना है। रिपोर्ट के मुताबिक, आईएसआईएल-के ने अफगानिस्तान के अंदर अपनी परिचालन क्षमताओं में वृद्धि की है, जिसमें लड़ाकों और परिवार के सदस्यों की संख्या 4,000 से 6,000 होने का अनुमान है।