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नेतेनयाहू के बयान पर भड़का मुस्लिम और अरब समाज, इराक़ की कड़ी प्रतिक्रिया, तनाव बढ़ने की आशंका।

रिपोर्ट – सज्जाद अली नयाने

इराक़ ने ज़ायोनी शासन की विस्तारवादी नीतियों और जार्डन घाटी के अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन में विलय की घोषणा को अस्वीकार्य क़रार दिया है।

विदेश – इराक़ के विदेशमंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री का अपने चुनावी प्रचार के दौरान जार्डन घाटी के अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन के क्षेत्रों में विलय की घोषणा, नस्लभेदी विस्तारवाद पर आधारित है जिसका मक़सद फ़िलिस्तीनियों के अधिकारों को बर्बाद करना है।

बयान में आया है कि नेतेनयाहू का फ़ैसला बहुत ही ख़तरनाक है और इसके परिणाम में पूरे क्षेत्र में झड़पें और तनाव में वृद्धि की आशंका है, इसीलिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसकी रोकथाम आवश्यक है।
इराक़ सरकार ने ज़ायोनी शासन की विस्तारवादी नीतियों के मुक़ाबले में फ़िलिस्तीनी जनता के अंतर्राष्ट्रीय समर्थन की मांग की।

इराक़ के विदेशमंत्रालय के बयान में कहा गया है कि इस्राईल की इस घोषणा पर अरब और मुस्लिम देशों में बहुत ग़ुस्सा पाया जाता है।

उधर इराक़ की नेश्नल विज़्डम पार्टी के प्रमुख ने अरब और मुस्लिम देशों से अपील की है कि वह ज़ायोनी शासन की ताज़ा कार्यवाहियों के मुक़ाबले में एकजुट दृष्टिकोण अपनाएं।

सैयद अम्मार हकीम ने कहा कि उनकी पार्टी ज़ायोनी शासन के प्रधानमंत्री की इस घोषणा पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करती है जिसका लक्ष्य, अधिक से अधिक फ़िलिस्तीनी क्षेत्रों को हथियाना और अवैध अधिकृत फ़िलिस्तीन का हिस्सा बनाना है।

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