देश में अगली सरकार बनाने के मुद्दे पर नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी (माओइस्ट सेंटर) जिस तरह पल-पल रंग बदल रही है, उससे देश में राजनीतिक अनिश्चय और गहरा गया है। माओइस्ट सेंटर ने शनिवार को कहा था कि नई सरकार बनाने के लिए वह किसी भी दल से हाथ मिलाने को तैयार है। लेकिन 24 घंटों के अंदर रविवार को उसने एलान किया कि उसका पूरा समर्थन नेपाली कांग्रेस के नेतृत्व वाले गठबंधन के साथ है।
शनिवार को माओइस्ट सेंटर के प्रवक्ता कृष्ण बहादुर महारा ने जब किसी भी दल से हाथ मिलने की बात कही, तो उसका मतलब यही समझा गया कि माओइस्ट सेंटर सत्ताधारी गठबंधन से हट कर विपक्षी कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएमएल) के साथ जाने की तैयारी में है। पूर्व प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली यूएमएल 20 नवंबर को हुए संसदीय आम चुनाव में दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बन कर उभरी है।
रविवार को माओइस्ट सेंटर ने महारा के बयान को पलट दिया। पार्टी नेताओं ने कहा कि वे नेपाली कांग्रेस के साथ अपने गठबंधन पर कायम हैं। सत्ताधारी गठबंधन में नेपाली कांग्रेस और माओइस्ट सेंटर के अलावा तीन और पार्टियां शामिल हैं। अखबार काठमांडू पोस्ट की एक रिपोर्ट के मुताबिक माओइस्ट सेंटर ने शनिवार का बयान नेपाली कांग्रेस पर दबाव बनाने के लिए दिया था, ताकि वह उसके नेता पुष्प कमल दहल को पहले प्रधानमंत्री बनाने के लिए राजी हो जाए। माओइस्ट सेंटर चाहता है कि कार्यकाल के पहले आधे हिस्से में सरकार का नेतृत्व दहल करें और दूसरे आधे हिस्से में प्रधानमंत्री पद नेपाली कांग्रेस को मिले। इस रिपोर्ट के मुताबिक जब माओइस्ट सेंटर को लगा कि उसकी ये चाल उलटी पड़ सकती है, तब उसने अपना बयान बदल लिया।
माओइस्ट सेंटर के ही एक नेता ने काठमांडू पोस्ट से कहा- ‘नेपाली कांग्रेस माओइस्ट सेंटर के बिना ही सरकार बनाने की कोशिश में है। ऐसा करना संभव भी है। यूएमएल ने नेपाली कांग्रेस को संदेश भेजा है कि वह सरकार बनाए और यूएमएल उसे बाहर से समर्थन देगी।’ उस नेता के मुताबिक यूएमएल का मकसद यह है कि मौजूदा सत्ताधारी गठबंधन किसी तरह टूट जाए।
रविवार को माओइस्ट सेंटर के महासचिव देव गुरुंग ने कहा कि उनकी पार्टी ने यूएमएल से हाथ मिलाने के मुद्दे पर विचार नहीं किया है। उन्होंने कहा- ‘हम चुनाव नतीजों का मूल्यांकन अपनी बैठक में करेंगे। अभी हमने गठबंधन विकल्पों के बारे में चर्चा नहीं की है।’ उन्होंने कहा कि माओइस्ट सेंटर मजबूती से नेपाली कांग्रेस के साथ है। लेकिन इसके साथ ही उन्होंने जोड़ा- ‘देश में राजनीतिक बदलाव का नेता होने के नाते स्पष्ट है कि माओइस्ट सेंटर का सरकार के नेता पद पर दावा है।’
नेपाल में 20 नवंबर को संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा के चुनाव के लिए वोट पड़े थे। प्रत्यक्ष निर्वाचन वाली 165 सीटों के नतीजे आ चुके हैं। उनमें नेपाली कांग्रेस पहले और यूएमएल दूसरे नंबर पर रही है। आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली से आवंटित होने वाली 110 सीटों के बारे में अभी तक स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। लेकिन अब तक जो संकेत हैं, उनके आधार पर पर्यवेक्षकों का कहना है कि किसी भी पार्टी या गठबंधन को स्पष्ट बहुमत के लिए जरूरी 138 सीटें नहीं मिल पाएंगी।