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Friday, May 3, 2024

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पाकिस्तानी सामाजिक कार्यकर्ता मलाला ने कहा कश्मीरी बच्चों की मदद करें, भाजपा सांसद बोलीं- पाक में अल्पसंख्यकों की हालत देखें

पाकिस्तानी सामाजिक कार्यकर्ता मलाला : कश्मीरी बच्चों की मदद करें, भाजपा सांसद बोलीं- पाक में अल्पसंख्यकों की हालत देखें

सामाजिक कार्यकर्ता मलाला युसुफजई और भाजपा सांसद शोभा करंदलाजे।

नई दिल्ली. नोबेल शांति पुरस्कार विजेता पाकिस्तानी सामाजिक कार्यकर्ता मलाल युसुफजई ने संयुक्त राष्ट्र से कश्मीर में शांति स्थापित करने और बच्चों को स्कूल जाने में मदद करने की अपील की। इस पर कर्नाटक से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद शोभा करंदलाजे ने जवाब देते हुए कहा उन्हें पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय की लड़कियों पर हो रहे अत्याचारों पर आवाज उठानी चाहिए।

मलाला ने कहा- यूएन कश्मीर में शांति स्थापित करने और बच्चों को स्कूल जाने में मदद करे कर्नाटक से भाजपा सांसद शोभा करंदलाजे ने कहा- मलाला अपने देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचार पर बोलें

नोबेल विजेता को पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों की आवाज भी सुननी चाहिए: सांसद

  • मलाला ने शनिवार को ट्वीट किया, “मैं संयुक्त राष्ट्र आमसभा के नेताओं से कहना चाहती हूं कि वह कश्मीर में शांति स्थापित करने, कश्मीरियों की आवाज सुनने और स्कूल में बच्चों को सुरक्षित लौटाने की दिशा में काम करे।” करंदलाजे ने रविवार को ट्वीट कर उन्हें पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रही घटनाओं की याद दिलाई।
  • मलाला ने ट्वीट किया, “मैं सीधे कश्मीर में रह रहीं लड़कियों की आवाज सुनना चाहती हूं। वहां पर संचार की सारी सुुविधाएं बाधित कर दिए जाने से लोगों की आवाज सामने नहीं आ पा रही है। कश्मीर पूरे विश्व से कट चुका है और उनकी आवाज को बंद कर दिया गया है।”
  • करंदलाजे ने कहा, “नोबेल विजेता से निवेदन है कि वे पाकिस्तान के अल्पसंख्यक समुदायों की आवाज भी सुने और उनके साथ कुछ समय व्यतीत करें। वे पाकिस्तान में धर्म परिवर्तन और उत्पीड़न का सामना कर रहे हैं। कश्मीर में लोगों की आवाज नहीं दबाया जा रहा बल्कि वहां पर विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाया जा रहा है।”
  • इससे पहले, इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के एक पूर्व विधायक ने नई दिल्ली से राजनीतिक शरण मांगी थी। खैबर पख्तूनख्वा के बारिकोट (आरक्षित) सीट के पूर्व विधायक बलदेव कुमार ने कहा था, “पाकिस्तान में अल्पसंख्यक सुरक्षित महसूस नहीं कर रहे हैं और उन्हें मूलभूत अधिकारों से भी वंचित रखा जा रहा है।”
  • जम्मू-कश्मीर में सरकार ने अनुच्छेद 370 हटाने के बाद 5 अगस्त को एहतियात के तौर पर कर्फ्यू और संचार सुविधाओं पर प्रतिबंध लगा दिया था। हालांकि स्थिति में सुधार आने पर धीरे-धीरे प्रतिबंध हटाया जा रहा है। कश्मीर घाटी में क्रमिक रूप से स्कूलों को खोलने की अनुमति दी जा रही है।
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