आर्थिक संकट और राजनीतिक तनाव के बीच आम सुरक्षा व्यवस्था के भी डगमग हो जाने से पाकिस्तान (Pakistan) पूरी तरह से अस्थिर होता नजर आ रहा है। बीते एक हफ्ते में आतंकवादी हमलों में हुई असाधारण बढ़ोतरी ने पाकिस्तान के भविष्य को लेकर चिंता बढ़ा दी है। इसका असर विदेशी एजेंसियों के नजरिए पर भी हो रहा है। इसकी ताजा मिसाल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) का फैसला है। आईएमएफ ने कर्ज की रकम जारी करने के बदले अपनी शर्तों को अब और ज्यादा सख्त बना दिया है।
पाकिस्तान की वेबसाइट टाइम्स ऑफ इस्लामाबाद में छपी खबर के मुताबिक आईएमएफ ने कहा है कि कर्ज की रकम जारी करने के लिए उसने जो शर्तें लगाई थीं, उन्हें अब पाकिस्तान सरकार तीन हफ्तों के अंदर पूरा कर दे। आईएमएफ ने अपनी विस्तारित कोष सुविधा (ईएफएफ) के तहत पाकिस्तान के लिए जो कर्ज मंजूर किया है, उसकी पहली किस्त के तौर पर वह एक बिलियन डॉलर की रकम जारी करेगा। लेकिन आईएमएफ और पाकिस्तान सरकार तहत हुए स्टाफ-लेवल समझौते सहमति बनी थी कि आईएमएफ की शर्तें पूरी होने के बाद ये रकम जारी होगी। अब आईएमएफ ने कहा है कि वह शर्तें पूरी होने के लिए अनिश्चित काल तक इंतजार नहीं करेगा। खबरों के मुताबिक आईएमएफ का यह संदेश आने के बाद अब पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशहाक डार ने शर्तें पूरी करने की रणनीति बनाने के लिए अपनी आर्थिक टीम की बैठक बुलाई है।
विश्लेषकों का कहना है कि देश में जिस तरह के हालात हैं, उनके बीच आईएमएफ के सब्र का जवाब देना लाजिमी है। एक तरफ राजनीतिक स्थिरता बहाल करने के मुद्दे पर शहबाज शरीफ सरकार और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के बीच को कोई सहमति नहीं बन पा रही है, वहीं अचानक देश पर आतंकवादी हमले तेज हो गए हैं। इमरान खान तुरंत आम चुनाव की अपनी मांग पर जोर डालने के लिए नेशनल और प्रांतीय असेंबलियों से अपनी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के सदस्यों का इस्तीफा दिलवाने पर आमादा है। उन्होंने एलान किया है कि इस बुधवार को उनकी पार्टी के सांसद नेशनल असेंबली जाकर स्पीकर पर अपने इस्तीफे स्वीकार करने के लिए दबाव बनाएंगे। स्पीकर ने इन सदस्यों के इस्तीफे पर फैसला लटका रखा है। उधर पंजाब की प्रांतीय असेंबली को भंग कराने की पीटीआई की कोशिश को लेकर संवैधानिक गतिरोध बना हुआ है।
इसी बीच रविवार को बलूचिस्तान प्रांत में आतंकवादियों ने सात विस्फोट किए, जिनमें पाकिस्तान के पांच सैनिक मारे गए और 15 जख्मी हो गए। बीते हफ्ते इस्लामाबाद में भी फिदायीन हमला हुआ था। खैबर पख्तूनवा और अफगानिस्तान से लगे सीमाई इलाकों लगातार हिंसा और आतंकवादी हमलों की कई घटनाएं हुई हैं। इन वारदात से इतनी दहशत फैली हुई है कि रविवार को यहां अमेरिकी दूतावास ने यहां मौजूदा अमेरिकी नागरिकों को यहां के एक फाइव स्टार होटल में ना जाने का आदेश दिया। अमेरिकी दूतावास ने कहा कि उसे इस होटल पर हमला की साजिश की सूचना मिली है। अमेरिकी दूतावास ने अपने बयान में जिक्र किया कि सुरक्षा संबंधी चिंताओं को देखते हुए इस्लामाबाद में रेड अलर्ट जारी है।
अखबार द न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल में हुए हमलों के लिए तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जिम्मेदार है। इस रिपोर्ट के मुताबिक 2021 के अगस्त के बाद से पाकिस्तान में 420 से अधिक आतंकवादी हमले हो चुके हैं। सिर्फ पिछले तीन महीनों में टीटीपी ने 141 हमले किए हैं।