रिपोर्ट – सज्जाद अली नयाने
फ़िलिस्तीन के प्रतिरोधी संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर इस्राईल और हिज़्बुल्लाह के बीच युद्ध भड़केगा तो गज्ज़ा से ज़ायोनी शासन के ख़िलाफ़ युद्ध का नया मोर्चा खोल दिया जाएगा।
पलसावा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक़, ग़ज्ज़ा में फ़िलिस्तीनी प्रतिरोधी संगठनों का कहना है कि अगर हिज़्बुल्लाह और इस्राईल के बीच योद्ध होता है तो वे ख़ामोश नहीं बैठंगे, बल्कि वे इस लड़ाई में अपनी भूमिका अदा करेंगे।
ग़ौरतलब है कि पिछले हफ़्ते हिज़्बुल्लाह और ज़ायोनी शासन के बीच उस समय तनाव चरम पर पहुंच गया था, जब इस्राईल के दो ड्रोन विमानों ने बेरूत के दक्षिणी इलाक़े पर बमबारी करने का नाकाम प्रयास किया था।
इस्राईल के दोनों ड्रोन विमान हवा में ही धमाके से उड़ गए थे, जिसमें से एक विमान के विस्फ़ोट से हिज़्बुल्लाह के मीडिया कार्यालय को कुछ नुक़सान पहुंचा था।
इसके बाद, हिज़्बुल्लाह के महासचिव सैय्यद हसन नसरुल्लाह ने बहुत जल्द इसका बदला लेने की इस्राईल को चेतावनी दी थी।
हिज़्बुल्लाह की चेतावनी पर इस्राईली सेना ने प्रक्रिया जताते हुए कहा था कि हमने नसरुल्लाह की चेतावनी को बहुत ग़ौर से सुना है।
हिज़्बुल्लाह की जवाबी कार्यवाही के डर से इस्राईली सेना ने लेबनानी सीमा पर तैनात अपने सैनिकों को हटा लिया था और सीमा पर तैनात सैन्य वाहनों में सैनिकों के स्थान पर पुतले रख दिए थे।
लेबनानी राष्ट्रपति मिशेल ऑन ने भी इस्राईली हमले की निंदा करते हुए चेतावनी दी थी कि लेबनान को अपनी रक्षा करने का पूरा अधिकार है।
गुरुवार को इस्राईली सेना ने ईरान पर हिज़्बुल्लाह के साथ लक्ष्य पर सटीक मार करने वाली गाइडेड मिसाइलों के एसेम्बल में सहयोग का आरोप लगाया था, जो “बड़े पैमाने पर” लक्ष्यों को नष्ट कर सकती हैं।
हालांकि शनिवार को हसन नसरुल्लाह ने इस्राईल के इस दावे को ख़ारिज करते हुए कहा, यह दावा लेबनान के ख़िलाफ़ इस्राईली हमले को सही ठहराने की एक कोशिश है।
उन्होंने कहा, किसी भी लड़ाई के लिए हिज़्बुल्लाह के पास पहले से ही सटीक मारक क्षमता वाले छोटे बड़े मिसाइल मौजूद हैं, इसलिए और अधिक मिसाइल बनाने के लिए हमें किसी कारख़ाने के निर्माण की ज़रूरत नहीं है।