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Monday, May 20, 2024

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भाजपा-शिवसेना का टूटा गठबंधन, एनसीपी – कांग्रेस के साथ मिल कर शिवसेना बनाएगी महाराष्ट्र में सरकार

रिपोर्ट – रवि निगम

आखिरकार भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना के बीच 30 साल पुराना गठबंधन टूट गया है और वहीं केंद्र में शिवसेना के मंत्री ने भी इस्तीफ़े की घोषणा कर दी है, जिसके बाद से राज्य में सरकार बनाने को लेकर राजनैतिक गतिविधि और तेज हो गई, शिवसेना , एनसीपी और काँग्रेस में बठकों का शिलशिला जारी, साथ ही बीजेपी की भी कोर कमेटी की बैठक, कॉंग्रेस नेता खड़गे ने राज्य के विधायकों की राय CWC की बैठक में रखी, सायं ४:०० बजे राज्य के वरिष्ठ नेताओं के बैठक में लिया जायेगा सरकार जाने का निर्णय, एनसीपी बोली हम कॉंग्रेस के निर्णय के साथ।

मुम्बई (महाराष्ट्र) – महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री पद पर सहमति न बनने के बाद शिवसेना और भाजपा के रास्ते अलग-अलग हो गए हैं। सरकार बनाने के लिए शिवसेना ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की शर्तों को मानते हुए केंद्र में भाजपा के साथ अपना गठबंधन तोड़ने का फ़ैसला किया है। शिवसेना से मोदी सरकार में मंत्री अरविंद सावंत ने सोमवार को इस्तीफ़ा देने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले सत्ता के बंटवारे का फ़ॉर्मूला तैयार किया गया था जिस पर शिवसेना और भाजपा दोनों सहमत थे। उन्होंने कहा कि इस फ़ॉर्मूले को नकारना शिवसेना के लिए गंभीर ख़तरा है। शिवसेना नेता ने भाजपा पर आरोप लगाया कि उसने महाराष्ट्र में झूठ का माहौल बना रखा है। ऐसे में इतने झूठे माहौल में हम दिल्ली सरकार में क्यों रहें? और इसीलिए वे केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफ़ा दे रहे हैं। शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने ट्वीट करके इस्तीफ़े का ऐलान किया है।

इससे पहले महाराष्ट्र के राज्यपाल ने रविवार की शाम शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता देते हुए पूछा था कि क्या वह सरकार बनाना चाहती है और उसके पास राज्य में अगली सरकार बनाने के लिये संख्या है ? भाजपा की ओर से सरकार बनाने से इन्कार के बाद राज्यपाल ने शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया है। ज्ञात रहे कि महाराष्ट्र की नवनिर्वाचित विधानसभा में भाजपा 105 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, जबकि शिवसेना 56 विधायकों के साथ दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। शिवसेना राज्य में सरकार बनाने के लिए एनसीपी और कांग्रेस से समर्थन ले सकती है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास 55 विधायक हैं जबकि कांग्रेस के पास 44 विधायक हैं। ये दोनों दल बाहर से शिवसेना का समर्थन कर सकतें है। एनसीपी और कांग्रेस ने स्पष्ट रूप से कह दिया था कि वे उसी स्थिति में शिवसेना का समर्थन करेंगे जब वह भाजपा के साथ अपना गठबंधन समाप्त कर दे और केंद्रीय मंत्रिमंडल में उसके एकमात्र मंत्री अरविंद सावंत त्यागपत्र दे दें।

साभार पार्सटूडे

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