भारत ने G-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (FMCBG) की बैठक में टकराव समाप्त करने के लिए बातचीत और संवाद को लेकर प्रतिबद्धता जताई है। यह बैठक ऐसे समय हो रही है, जब रूस यूक्रेन युद्ध के एक साल पूरे हो गए हैं और अब तक इसका कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
बुधवार को सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, ‘मैं प्रधानमंत्री के कथन को दोहराना चाहूंगा, जिसमें उन्होंने कहा है कि आज युद्ध का नहीं, बल्कि शांति का दौर है। लोकतंत्र, कूटनीति और संवाद आगे बढ़ने की राह है। ये शब्द भारत के रुख को बेहतर तरीके से साफ करते हैं।’ G-20 की बैठक के पहले दिन वित्त और केंद्रीय बैंक के डिप्टी गवर्नरों (FCBD) की बैठक के उद्घाटन सत्र के दौरान संवादताताओं को संबोधित करते हुए ठाकुर ने यह कहा।
आर्थिक मामलों के सचिव अजय सेठ ने मंगलवार को बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा था कि FMCBG की बैठक में यूक्रेन में रूस का हस्तक्षेप चर्चा का विषय होगा। सेठ ने कहा था, ‘यह एक अहम कार्यक्रम है। इसमें G-20 देशों के विभिन्न सदस्यों के बीच द्विपक्षीय बातचीत भी होगी। बहरहाल मैं उस ब्योरे में नहीं जाऊंगा कि मंत्रियों के बीच किस विषय पर चर्चा होगी।’
ऐसा माना जा रहा है कि इसमें युद्ध के व्यापक आर्थिक असर पर चर्चा होगी, वहीं आगे और प्रतिबंधों को लेकर भारत किसी बातचीत से बचने की कवायद करेगा। भारत का मानना है कि यह G-20 से जुड़ा मसला नहीं है। FMCBG की बैठक की सह अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास करेंगे।
बुधवार को FCBD की बैठक की सह अध्यक्षता सेठ और रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा ने की। इसमें कामकाज करने की भाषा को अंतिम रूप दिया गया, जिस पर वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों द्वारा मुहर लगाई जाएगी।
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘यह वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर डालने वाले अहम मसलों को लेकर G-20 देशों का संयुक्त विचार है। यह प्रमुख वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के साथ बड़े अंतरराष्ट्रीय आर्थिक समुदाय को सीधे जोड़ती है।’
इसमें कहा गया है, ‘इसमें आम आदमी को आश्वस्त करने की क्षमता है कि G-20 देशों के बीच वैश्विक समस्याओं के समन्वित समाधान को लेकर आम सहमति बनी है और इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था को मौजूदा मंदी से उबारने और समृद्धि के नए अवसर पैदा करने में मदद मिल सकती है।’
ठाकुर ने FCBD की बैठक को भी संबोधित किया और कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के असर, खाद्य एवं ऊर्जा असुरक्षा, व्यापक रूप से महंगाई की समस्या, कर्ज को लेकर कमजोरियों, बिगड़ते जलवायु परिवर्तन और भू राजनीतिक तनाव के दौर से गुजर रही है। उन्होंने कहा कि इन संकटों का असर विश्व की विकास की प्राथिमकताओं में होने वाली प्रगति को पीछे धकेल सकता है।
उन्होंने कहा, ‘G-20 मसलों पर केंद्रित संवाद और बातचीत के माध्यम से इन चुनौतियों के वैश्विक समाधान में अहम भूमिका निभा सकता है और भारत की अध्यक्षता में इस पर सक्रियता से काम होगा।’
FMCBG की बैठक में कम और मध्य आय वाले कुछ देशों में उपजे गैर टिकाऊ कर्ज के मसले के समाधान पर भी चर्चा होगी। बैठक में जलवायु वित्त पोषण, शहरी बुनियादी ढांचे, क्रिप्टो संपत्तियों, बहुपक्षीय संस्थानों में सुधार और इस तरह के अन्य मसलों पर चर्चा होनी है।