रिपोर्ट – सज्जाद अली नयाने
बिहार राज्य के मुज़फ्फरपुर में चमकी बुखार कहे जाने वाले अक्यूट इन्सेफ़लाइटिस सिंड्रोम (एईएस) के चलते हो रही मासूम बच्चों की मौतों से पूरा देश दुख और क्रोध में है।
बिहार – प्राप्त रिपोर्ट के मुताबिक़, भारत के बिहार राज्य के मुज़फ़्फ़रपूर में अब तक 108 मासूम बच्चों की मौत हो चुकी है। पूरे बिहार में लगातार मासूम बच्चों की हो रही मौतों से हहाकार मचा हुआ है। जहां एक ओर बच्चों की मौत पर उनके मां-बाप और परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है वहीं इस देश की जनता में भी बच्चों की लगातार हो रही मौतों को लेकर दुख और क्रोध दोनों देखने को मिल रहा है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 3 सप्ताह बीत जाने के बाद मंगलवार को मुजफ्फरपुर जाने की सुध ली तो लोगों ने उनका जमकर विरोध किया। दूसरी ओर बिहार के सांसद और नीतीश कुमार के मंत्री मासूम बच्चों की मौत पर विवादित बयान दे रहे हैं। मुजफ्फरपुर के सांसद अजय निषाद और जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव ने इन्सेफलाइटिस से हो रही मौतों की वजह गर्मी बताई वहीं राज्य की पूर्व सीएम राबड़ी देवी ने सीएम नीतीश पर निशाना साधा है।
इन सबके बीच मुजफ्फरपुर के डीएम आलोक रंजन ने भी अक्यूट इन्सेफ़लाइटिस सिंड्रोम से 108 बच्चों की मौत की पुष्टि की है। उन्होंने कहा कि मंगलवार को भी 4 मासूमों ने दम तोड़ दिया। अस्पताल में भर्ती बच्चों का इलाज किया जा रहा है। इनमें 16 बच्चों की हालत गंभीर है। मुजफ्फरपुर में मौतों के बारे में जब वहां के सांसद अजय निषाद से सवाल किया तो उन्होंने बेहद लापरवाही से बयान देते हुए कहा, “इस बार अधिक मामले आ रहे हैं, इसकी वजह गर्मी भी है। गर्मी बहुत ज़्यादा हो रही है, उसका रोकथाम करने के लिए पेड़-पौधे लगाना चाहिए। बीमारी की असली वजह 4 जी है, जी फॉर गर्मी, गांव, ग़रीबी और गंदगी। इससे बीमारी का सीधा संबंध है। अधिकतर मरीज़ ग़रीब परिवार से हैं और उनके रहन-सहन के स्तर में गिरावट है। उसे सुधारने की ज़रूरत है।”
इसी तरह इस राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू से सांसद दिनेश चंद्र यादव ने भी इन्सेफलाइटिस से मौतों पर बेहद ग़ैर-ज़िम्मेदाराना बयान देते हुए कहा, “मुजफ्फरपुर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। कई सालों से जब भी गर्मियां आती हैं, बच्चे बीमार पड़ जाते हैं और मौत का आंकड़ा बढ़ जाता है। ऐसा हर बार होता है, सरकार ने व्यवस्था की है। जैसे ही बारिश शुरू होगी, यह रुक जाएगा।” इन्सेफलाइटिस पर मीटिंग के दौरान क्रिकेट स्कोर पूछने पर बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय की काफ़ी आलोचना हुई। जबकि जेडीयू सांसद दिनेश चंद्र यादव उनके बचाव में नज़र आए। उन्होंने कहा, “भारत-पाकिस्तान के मैच के दौरान लोगों के दिलों में देशभक्ति की भावना उमड़ती है। वे चाहते हैं कि भारत जीते। उन्होंने मीटिंग में सब कुछ गंभीरता से किया।”
केवल बात यहां समाप्त नहीं हुई बल्कि स्वयं भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी सवालों से बचकर निकलते और मुस्कुराते नज़र आए। उन्होंने कहा, ‘मैं यहां कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस करने नहीं जा रहा हूं। मुझे जो कहना था कह दिया। रोज़-रोज़ एक ही बात नहीं दोहराऊंगा। हमने राज्य सरकार को हरसंभव मदद का वादा किया। हम हर घंटे स्थिति का मुआयना कर रहे हैं।’ इससे पहले बिहार के मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा था, ‘इन्सेफलाइटिस पर समीक्षा बैठक हो चुकी है। 200 बच्चों को बचाया जा चुका है और वे अस्पताल से डिस्चार्ज हो चुके है।’ बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी नेता राबड़ी देवी ने नीतीश कुमार और मोदी पर हमला बोलते हुए इसे मासूमों की हत्या क़रार दिया है। राबड़ी देवी ने ट्वीट कर कहा, ‘एनडीए सरकार की घोर लापरवाही, कुव्यवस्था, राज्य के मुख्यमंत्री का महामारी को लेकर अनुत्तरदायी, असंवेदनशील और अमानवीय अप्रोच, लचर और भ्रष्ट व्यवस्था, स्वास्थ्य मंत्री का ग़ैर-ज़िम्मेदाराना व्यवहार और भ्रष्ट आचरण के कारण ग़रीबों के मासूम बच्चों की चमकी बुखार के बहाने हत्या की गई है।’