मीराभाइंदर महानगर पालिका की प्रथम महापौर श्रीमती मायरा मेंडोसा ने जब काग्रेस के परशुराम पाटिल को विरोधी पक्ष नेता घोषित किया तो बीजेपी के रोहिदास पाटिल ने नगररचना विभाग में इसकी यह कह कर शिकायत की जब NCP + काग्रेस ने एक साथ चुनाव लड़ा तो वह नेता विपक्ष कैसे हो सकते हैं लेकिन उनकी दलील खारिज हो गई ।श्रीमती गीता जैन ने जब मुजफ्फर हुसैन के पत्र पर प्रमोद सावंत को नेता विपक्ष बनाया तो लियाकत हुसैन ने इसे हाईकोर्ट व वूएलडी में चुनौती दी और जीते ।लियाकत हुसैन को न्याय दिलाने वाले ध्रुव किशोर पाटिल ने आज उल्टी चाल चली और फिर वही पुराने हथियार जिससे कभी वह खुद मरे थे उसी से राजू भोइर को घायल किया ।विपक्ष लगातार नेता चुनने की मांग करता रहा और सत्तापक्ष लगातार उन कानूनों का हवाला देकर इसे टालने में कामयाब हो गया जिनमें अदालत में उसकी हार तय है ।आज की महासभा का मतलब सिर्फ इतना हैं की बीजेपी विपक्ष विहीन सत्ता चाहती है जो चार पांच नगरसेवकों के इधर-उधर होने से वह हासिल भी कर लेगी लेकिन लोकतंत्र में यह ठीक नही है । उपमहापौर बैती विपक्ष को पूरे तीन घंटे यह समझाते रहे कि विपक्ष के नेता की घोषणा सदन में हो यह कानून नही है, साहब क्या आपको यह पता नही है कि आपके नाम की घोषणा भी सभागृह में ही हुई थी और विपक्ष का नेता बनने के लिए आपने भी उन्ही कानूनों का सहारा लिया था जिसे आप आज मानने को तैयार नही हैं ।