म्यांमार की सेना ने एक बार फिर लाउडस्पीकर से एलान करते हुए कहा है कि रोहिंग्या मुसलमान बफ़र ज़ोन को खाली कर दें नहीं तो उनके ख़िलाफ़ कार्यवाही होगी।
फ्रांसीसी समाचार एजेंसी एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार म्यांमार की सेना ने बांग्लादेश-म्यांमार सीमा पर स्थित समुद्री तट पर मौजूद बफ़र ज़ोन में शरण लिए रोहिंग्या मुसलमानों से कहा है कि जितनी जल्दी हो सके इस स्थान को खाली कर दें। म्यांमार की सेना ने कहा है कि जिस शरणार्थी ने बफ़र ज़ोन को खाली नहीं किया उसके ख़िलाफ़ कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
एएफ़पी की रिपोर्ट के अनुसार बफ़र ज़ोन में रहने वाले एक शरणार्थी ने बताया कि रात के अंधेरे में जैसे ही म्यांमार सेना ने लाउडस्पीकर से एलान करना आरंभ किया बफ़र ज़ोन में मौजूद सभी शरणार्थी डर गए और बच्चे रोने लगे। उसने कहा कि हम दुनिया भर के मानवाधिकार संगठनों और विश्व समाज से मांग करते हैं कि हमारी मदद के लिए आगे आएं। शरणार्थी का कहना था कि कोई हमे यह तो बताए कि आख़िर हम जाएं तो कहां जाएं?
उल्लेखनीय है कि म्यांमार की सेना द्वारा किए गए जनसंहार से बचकर बांग्लादेश और म्यांमार के बीच समुद्रीय तट पर 6,000 से अधिक रोहिंग्या शरणार्थी खुले आसमान में रहने पर मजबूर हैं। लेकिन अब म्यांमार की सेना ने इस क्षेत्र से भी रोहिंग्या मुसलमानों को बाहर निकलने का आदेश दे दिया है।
याद रहे कि म्यांमार की सेना और बौद्ध आतंकियों के आतंक से अपनी जान बचाकर दर-दर भटक रहे रोहिंग्या मुसलमान, बांग्लादेश सहित आसपास के देशों और जंगलों में अपना जीवन व्यतीत करने पर मजबूर हैं। इससे पहले फरवरी महीने में म्यांमार सरकार ने एक बयान जारी करके कहा था कि वह बफ़र ज़ोन में शरण लेने वाले रोहिंग्या मुसलमानों को इस क्षेत्र से जाने पर मजबूर नहीं करेगी।