रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी
ईरान के विदेश मंत्री ज़रीफ़ ने कहा है कि तेहरान कभी भी अपनी जनता का भविष्य, ट्रम्प के साथ दिखावे की मुलाक़ात से नहीं जोड़ेगा और जैसा कि इस्लामी क्रांति के वरिष्ठ नेता ने कहा है कि अगर अमरीकी ईरान से वार्ता करना चाहते हैं तो उन्हें अपने वादों का पालन करना और प्रतिबंधों को समाप्त करना होगा।
विदेश – मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने शनिवार की शाम अपनी न्यूयाॅर्क की 9 दिवसीय यात्रा की समाप्ति पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि ईरान कभी भी वादा तोड़ने वाले देश से वार्ता नहीं करेगा। उन्होंने इसी तरह ईरान और सऊदी अरब के संबंधों और हुर्मुज़ शांति योजना के बारे में कहा कि यह योजना, “आशा के गठजोड़” में सऊदी अरब के शामिल होने का बेहतरीन अवसर है। उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कि ईरान हमेशा अपने पड़ोसी देशों के सम्मान का इच्छुक रहा है, कहा है कि तेहरान अपने पड़ोसियों को उन भाइयों की तरह समझता है जो इतिहास के अंत तक ईरान के साथ रहेंगे और वह उन्हें उन पशुओं की तरह नहीं समझता जो केवल दूहे जाने के लिए होते हैं।
ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने इराक़ के तानाशाह सद्दाम के शासन के हमले के दौरान ईरान द्वारा कुवैत की मदद और इसी तरह सऊदी अरब व उसके घटकों की घेराबंदी के बाद क़तर की सहायता की ओर इशारा करते हुए कहा कि ईरान ने कभी भी अपने पड़ोसियों को अकेला नहीं छोड़ा और आगे भी नहीं छोड़ेगा। ज्ञात रहे कि ईरान के राष्ट्रपति डाॅक्टर हसन रूहानी ने संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा के अधिवेशन के दौरान ईरान की क्षेत्रीय व अंतर्राष्ट्रीय नीतियों का उल्लेख किया और “हुर्मुज़ शांति योजना” के नाम से क्षेत्रीय शांति की एक योजना पेश की है। समरसता और आपसी ताल-मेल में वृद्धि, क्षेत्रीय देशों के बीच शांतिपूर्ण संबंधों और सहयोग में विस्तार, संप्रभुता व अखंडता का सम्मान, आतंकवाद व चरमपंथ से संघर्ष और ऊर्जा की सुरक्षा, स्वतंत्र जहाज़रानी व तेल के निर्बाध स्थानांतरण को सुनिश्चित बनाना, हुर्मुज़ शांति योजना के लक्ष्यों में शामिल है।