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Saturday, May 4, 2024

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यूएनजीए में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी से निकलेंगे ठोस नतीजे : अकबरुद्दीन

  • विश्व निकाय की महासभा के 74वें सत्र में भारत की भागीदारी अभूतपूर्व होगी ।
  • संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान और चीन के भारत के खिलाफ सभी मंसूबे फेल हो गए।
  • सैयद अकबरुद्दीन ने अपने तर्कों से ही पाकिस्तान और चीन की बोलती बंद कर दी।
  • अकबरुद्दीन साल 1985 में भारतीय विदेश सेवा से जुड़े थे। वह पश्चिम एशिया के विशेषज्ञ भी माने जाते हैं।
  • सैयद अकबरुद्दीन पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में स्थित भारतीय उच्चायोग में काउंसलर के पद रह चुके हैं। 

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने कहा है कि विश्व निकाय की महासभा के 74वें सत्र में भारत की भागीदारी अभूतपूर्व होगी और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी के ठोस एवं वास्तविक परिणाम नजर आएंगे। अकबरुद्दीन ने संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में बृहस्पतिवार को संवाददाताओं को उच्च स्तरीय सत्र के दौरान संयुक्त राष्ट्र में भारत की प्राथमिकताओं एवं उसकी भागीदारी के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि महासभा में इस साल भारत की भागीदारी एवं पहुंच अभूतपूर्व है।

उन्होंने कहा कि विभिन्न मंचों पर सप्ताह भर में मोदी, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन से 75 राष्ट्र प्रमुख एवं विदेश मंत्री मुलाकात करेंगे। इन बैठकों में या तो प्रधानमंत्री और उनके समकक्ष या विदेश मंत्री और उनके समकक्ष एक ही कमरे में वार्ता करेंगे और कम से कम 30 मिनट के लिए अहम मामलों पर चर्चा करेंगे।

अकबरुद्दीन ने कहा, ”इसलिए मैं कहता हूं कि यह अभूतपूर्व होगा। हमने पहले कभी संयुक्त राष्ट्र सत्र में इतने देशों के साथ इस प्रकार वार्ता नहीं की।” उन्होंने रेखांकित किया कि देशों का एक बड़ा समूह मिलकर भारत के साथ वार्ता करना चाहता है। अकबरुद्दीन ने कहा, ”इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में हमने मंत्रिस्तर पर जी4 या ब्रिक्स जैसी बहुपक्षीय बैठकें की हैं, लेकिन पहले कभी ऐसा नहीं हुआ कि देशों का समूह मिलकर भारत के साथ काम करना चाहता है।” उन्होंने कहा कि सभी वार्ताएं कार्य उन्मुक्त हैं।

उन्होंने कहा, ”संयुक्त राष्ट्र को कभी कभी मजाक में ‘टॉक शॉप (अपने कारोबार, काम या मकसद पर चर्चा करना) कहा जाता है। बातचीत करना महत्वपूर्ण है। मुझे नहीं लगता कि हमें ‘टॉक शॉप का उपहास उड़ाना चाहिए। बातचीत करना महत्वपूर्ण है। इससे भी महत्वपूर्ण यह है कि हमें बातचीत को आगे ले जाने की आवश्यकता है…इस बार आप खासतौर पर इस यात्रा के ठोस, वास्तविक एवं कार्य उन्मुक्त परिणाम देखेंगे जिन पर हम वैश्विक स्तर पर हमारे साझेदारों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।”

मोदी पिछले पांच साल में पहली बार आम बहस को संबोधित करेंगे। वह 23 सितंबर से 27 सितंबर तक कई द्विपक्षीय एवं बहुपक्षीय बैठक करेंगे। वह नौ उच्च स्तरीय शिखर सम्मेलनों और बहुपक्षीय बैठकों को संबोधित करेंगे। अकबरुद्दीन ने कहा कि मोदी ”अपनी इस सोच से अवगत कराएंगे कि वह बहुपक्षीय परिदृश्य में भारत को कहां देखते हैं।

मोदी ह्यूस्टन से 22 सितंबर की शाम को न्यूयॉर्क आएंगे। वह ह्यूस्टन में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के साथ एक बड़ी सभा को संबोधित करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी संयुक्त राष्ट्र महासभा के वार्षिक सत्र को 27 सितंबर को संबोधित करेंगे और करीब एक सप्ताह के न्यूयॉर्क प्रवास के दौरान उनका कई द्विपक्षीय और बहुपक्षीय बैठकों का कार्यक्रम है। इस दौरान बिल एडं मिलिंडा गेट्स फाउंडेशन प्रधानमंत्री मोदी को सम्मानित करेगा। मोदी को यह सम्मान दो अक्टूबर 2014 को उनके नेतृत्व में शुरू किए गए स्वच्छ भारत मिशन के लिए दिया जाएगा।

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