रूस ने यूक्रेन पर हवाई हमले के बाद अब साइबर अटैक भी शुरू कर दिया है. यूक्रेन में सैकड़ों कंप्यूटर्स को निशाना बनाने वाला एक खतरनाक सॉफ्टवेयर सामने आया है.
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साइबर सिक्योरिटी फर्म ESTE की मानें तो इस सॉफ्टवेयर ने यूक्रेन में बहुत से कंप्यूटर्स पर हमला किया है. ट्विटर पर पोस्ट किए गए बयान में कंपनी ने बताया है कि डेटा मिटाने वाले इस प्रोग्राम को देश की सैकड़ों मशीन में इंस्टॉल किया गया है.
इस अटैक की तैयारी पिछले कई महीनों से की गई है. साइबर सिक्योरिटी फर्म Symantec के विक्रम ठाकुर ने बताया है कि यह सॉफ्टवेयर बड़े स्तर पर फैला हुआ है. उन्होंने बताया, ‘हमने पूरे यूक्रेन और Latvia भर में इसकी एक्टिविटी देखी है.’ इस हमले के पीछे किसका हाथ है ये सभी साफ नहीं हुआ है. हालांकि, पहली नजर में रूस पर संदेह किया जा रहा है.
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रूस पर पहले भी कई बार साइबर अटैक का आरोप लग चुका है. हालांकि, रूस ने इन आरोप से इनकार किया है. साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स यूक्रेन को निशाना बनाने वाले सॉफ्टवेयर की जांच कर रहे हैं. उन्होंने इसकी एक कॉपी अल्फाबेट के क्राउडसोर्स साइबरसिक्योरिटी साइट VirusTotal पर अपलोड की, जिससे इसकी क्षमताओं का पता लगाया जा सके. रिसर्चर्स ने पाया कि इस सॉफ्टवेयर को एक सर्टिफिकेट के जरिए डिजिटली साइन किया गया है.
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यह सर्टिफिकेट Hermetica Digital Ltd को जारी किया गया है. चूंकि ऑपरेटिंग सिस्टम किसी भी सॉफ्टवेयर की शुरुआत जांच में कोड-साइनिंग यूज करता है. इस तरह से सर्टिफिकेट को एंटी-वायरस प्रोटेक्शन से बचने के लिए डिजाइन किया जाता है. अमेरिकी साइबर सिक्योरिटी फर्म ZeroFox के वीपी Brain Kime की मानें तो इस तरह से सर्टिफिकेट हासिल करना बड़ी बात नहीं है. जिस कंपनी के नाम यह सर्टिफिकेट जारी किया गया है, उसका पता एक साल पुराना है और इसकी कोई वेबसाइट भी नहीं है.
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वहीं यूक्रेन ने अपना एयर स्पेस भी बंद कर दिया है. यूक्रेन को डर है कि रूस उनके यहां आने वाली फ्लाइट्स को निशाना बना सकता है और उन पर साइबर अटैक कर सकता है. यूक्रेन स्टेट एयर ट्रैफिक सर्विस ने बताया कि जोखिमों को देखते हुए एयरस्पेस को सिविल फ्लाइट्स के लिए बंद कर दिया गया है.