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Saturday, May 4, 2024

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यूरोपीय देशों के आरोप पर ज़रीफ़ का पलटवार, ईरान हमला करता तो सऊदी रिफ़ायनरी नक़्शे से ही मिट जाती !!

रिपोर्ट – सज्जाद अली नायाणी

यूरोप के तीन बड़े देशों फ़्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने एक संयुक्त बयान जारी करके कहा है कि सऊदी तेल प्रतिष्ठानों पर हमले के लिए ईरान ज़िम्मेदार है।

सोमवार को तीनों देशों के नेताओं ने संयुक्त बयान जारी करके यह आरोप लगाया, इसी के साथ ब्रिटिश प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन ने ईरान के साथ हुए परमाणु समझौते से निकलने का भी संकेत दिया, जिस तरह से कि पिछले साल अमरीकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रम्प इस समझौते से निकल गए थे।

तीनों ही देशों ने 2015 में ईरान के साथ कई वर्षों तक सघन वार्ता के बाद परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। समझौते के अनुसार, ईरान पर लगे प्रतिबंध को हटाए जाने के बदले ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को सीमित करेगा।

न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के सम्मेलन के इतर सोमवार को ब्रिटिश प्रधान मंत्री जॉनसन ने फ़्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रांन और जर्मन चांसलर एंगेला मर्केल से मुलाक़ात की, ताकि ईरान के परमाणु समझौते और सऊदी संकट को लेकर एक राय बना सकें।

फ़्रांस द्वारा जारी किए संयुक्त बयान में कहा गया है कि स्पष्ट रूप से इस हमले के लिए ईरान ज़िम्मेदार है।

न्यूयॉर्क में पत्रकारों से बात करते हुए ईरानी विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ़ ने इन आरोपों को सिरे से ख़ारिज करते हुए कहा, अगर ईरान हमला करता तो सऊदी अरब की सबसे बड़ी रिफ़ायनरी नक़्शे से ही मिट जाती।

ज़रीफ़ा का कहना था कि यमन के हौसियों के पास जवाबी कार्यवाही के लिए अनेक कारण हैं, इसलिए कि सऊदी सैन्य गठबंधन उनके देश पर हवाई हमले कर रहा है।

सोमवार को ही जॉनसन ने कहा कि ब्रिटेन फ़ार्स खाड़ी में सऊदी अरब को सुरक्षा प्रदान करने के लिए अमरीका के साथ जुड़ने पर विचार कर रहा है। हालांकि फ़ार्स खाड़ी में किसी भी तरह के सैन्य गठबंधन को ईरान भड़काऊ क़दम के रूप में देखता है।

ईरान की सशस्त्र सेनाओं के चीफ़ ऑफ़ आर्मी स्टाफ़ मेजर जनरल मोहम्मद बाक़री ने मंगलवार को कहा, दुश्मन अगर ईरान पर हमला करने की कोशिश करेंगे तो उन्हें अपमानजनक हार का मुंह देखना पड़ेगा।

उन्होंने कहा, हमने बार बार दुश्मन को यह चेतावनी दी है कि अगर उन्होंने कोई ग़लती की तो उन्हें उन्हीं की ज़बान में जवाब दिया जाएगा, जैसा कि अमरीका के ड्रोन के साथ और ब्रिटेन के तेल टैंकर के साथ किया गया।

अमरीका की एक पूर्व वरिष्ठ अधिकारी हिलैरी मैन लेवरेट ने अल-जज़ीरा से बात करते हुए यूरोपीय नेताओं द्वारा सऊदी हमले का आरोप ईरान पर लगाने की आलोचना करते हुए कहा है कि ऐसा आरोप लगाना जल्दबाज़ी है और उन्होंने अपने आरोप के लिए कोई सुबूत पेश नहीं किया है।

उन्होंने कहा, ऐसा कोई सुबूत नहीं है। फ़्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी ने संयुक्त राष्ट्र या अंतरराष्ट्रीय जांच का बी इंतेज़ार नहीं किया, जिसकी ख़ुद सऊदी अरब ने मांग की थी।

लेवरेट का कहना था कि यूरोपीय देशों ने इस नतीजे पर पहुंचकर यमनियों की क्षमताओं को एक बार फिर नज़र अंदाज़ कर दिया है, जैसा कि वे पिछले कई वर्षों से करते आ रहे हैं। 

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